विश्लेषण

विधि का विधान सह कर इंद्राणी मुखर्जी की बेटी विधि बनीं लेखिका

पूर्व दंपति इंद्राणी और पीटर मुखर्जी (Indrani and Peter Mukhrji) की बेटी विधि मुखर्जी (Vidhi Mukherji) चर्चा में हैं। सनसनी-पिपासू मीडिया या सोशल मीडिया में नहीं। बल्कि साहित्य जगत में उनका चर्चा हो रहा है। विधि  ने एक किताब लिखी है जिसमें उन्होंने अपनी यादों को कलमबद्ध किया है। इस पुस्तक का विमोचन मंगलवार को किया गया।
यदि आप आगे का विवरण इंद्राणी के ग्लैमर (जिसमें कई बार अनैतिकता का पुट भी मिलता है) की उम्मीद रखते हैं, तो निश्चित ही यह सामग्री आपके मतलब की नहीं  है। वैसे यह सच है कि विधि का नाम और किताब वाला काम उस घटनाक्रम से ही जुड़ा है, जो आसानी से ‘लव, सेक्स और धोखा’ जैंसे निहायत ही घटिया चलन का हिस्सा है।
फिर भी यदि आप मानवीय पक्ष को प्रधानता देते हैं, तो आप जरूर इस हिस्से को पूरा पढ़ना पसंद करेंगे। क्योंकि यह स्वयं को किसी पिशाच की संतान के रूप में स्वीकारने वाली उस लड़की की कहानी है, जो अपने परिवार की करतूतों तथा विवादों से इतर संवेदनाओं के विखंडन की पीड़ा को अकारण सह रही है

विधि ने एक किताब लिखी है ‘डेविल्स डॉटर’ (पिशाच की बेटी) (Devil’s Daughter) नाम की किताब को वेस्टलैंड ने प्रकाशित किया है। यह पाठकों को उनके (विधि के) जीवन को जानने का मौका देती है कि उन्होंने अपने माता-पिता की गिरफ्तारी को कैसे झेला और वह अवसाद और चिंता से कैसे बाहर आईं।

इंद्राणी मुखर्जी को अगस्त 2015 में अपनी बेटी शीना बोरा (Sheena Bohra) की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बोरा (24) को अप्रैल 2012 में महाराष्ट्र (Maharashtra) के रायगढ़ (Raigarh) जिले में इंद्राणी ने एक कार में अपने चालक श्यामवीर राय (Shyamveer Rai) और संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) के साथ कथित रूप से गला घोंटकर मार दिया था।23 वर्षीय विधि ने किताब में कहा, “ यह किताब हमदर्दी, ध्यान या कुछ हासिल करने के लिए नहीं लिखी गई है। जिस वजह से मैंने इस किताब को लिखने का फैसला किया है, वह मैं लफ्ज़ों में बयां नहीं कर सकती हूं, जो मैं आपको बता सकती हूं वे बता दिया है।”

उन्होंने कहा, “ इंसान की जिंदगी में कई ऐसी चीज़ें होती हैं जिसका आप पहले से अंदाज़ा नहीं लगा सकते हैं या उसके लिए तैयार नहीं होते हैं। इस पूरे घटनाक्रम का केंद्र मेरे माता-पिता हैं और इस सबमें मैं खो गई।”

यह सब 2015 में विधि के 18वें जन्मदिन से पहले शुरू हुआ जब उनकी मां इंद्राणी मुखर्जी को बोरा की कथित हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

विधि ने किताब में कहा कि इसके चार महीने बाद उनके पिता पीटर मुखर्जी को भी जुर्म करने के लिए उकसाने एवं मदद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

पीटर पूर्व मीडिया कारोबारी हैं और उन्हें इस साल के शुरू में उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी।

विधि का विधान किस-किस तरह विधि के जीवन को सदा के लिए प्रभावित कर गया है, यह इस किताब को पढ़कर शायद कुछ हद तक ही महसूस किया जा सकेगा, क्योंकि हर दर्द और अहसास लफ्ज़ या कागज़ पर हू-ब-हू उकेरे जाने की विधा का मानव आज तक आविष्कार नहीं कर सका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button