(4 जून- अभिनेत्री नूतन के जन्मदिन पर विशेष) दूरदर्शन के एकाधिकार वाले समय की बात है। उस रात ‘चित्रहार’ का पहला गाना शुरू होते ही ट्रांसमिशन अटक गया। स्क्रीन पर […]
Category: शख्सियत
कैनवास पर कपूर की अमिट यादों का राज़
(2 जून- राज कपूर की पुण्यतिथि पर विशेष) 2 जून, 1988 को अंतिम सांस लेने वाले राज कपूर (Raj Kapoor) स्वयं को कुछ भरे-कुछ खाली कैनवास की तरह हमें सौंप […]
नरगिस … मैं तमाम रात जाग ही तो रहा हूं
1 जून- अभिनेत्री नरगिस दत्त की जयंती पर विशेष ‘नरगिस’ (Nargis) के नाम से मशहूर फातिमा रशीद यदि आज भी हमारे बीच होती, तो जीवन के नब्बे से अधिक बसंत […]
बुकर: ‘गीतांजलि’ के बाद के 110 साल का इंतज़ार ख़त्म किया है गीतांजलि ने
गीतांजलि श्री हिंदी की पहली लेखिका हैं, जिन्हें प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार मिला और उनकी इस उपलब्धि से न केवल हिंदी व हिंदी साहित्य के लिए नए अवसरों के द्वार खुलेंगे, […]
‘अर्द्ध सत्य’ वाली हत्या का पूर्ण सत्य
11 मई- अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर की जयंती पर विशेष ‘अर्द्ध सत्य’ (Arddh Satya) फिल्म मैंने भोपाल (Bhopal) में अब अतीत बन चुकी लिली टॉकीज में देखी थी। खटमलों से भरी […]
कैसे होते होंगे वो लम्हे …?
शायर कैफ़ी आज़मी की पुण्यतिथि पर विशेष बीस साल पुरानी वह टीस आज फिर सता रही है। अधीनस्थ रिपोर्टर ने मुझसे सपाट लहजे में कहा, ‘कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azami) की […]
इस प्रश्न पर मौन और कब तक ?
नेताजी की गुमनामी का दर्द न जाने कब तक सच्चे राष्ट्रभक्तों को व्यथित करता रहेगा। उनसे जुड़े महान घटनाक्रम जितने अधिक हैं, लगभग उतने ही अधिक वह प्रसंग भी हैं, जो […]
अध्ययन शास्त्री जी के शास्त्र का
क्या शास्त्री जी किसी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए संकट बन गए थे? वह प्रधानमंत्री पद पर आये तो पूरा माहौल ही बदल गया। प्रधानमंत्री के रूप में सच्चे भारतीय […]
दोहराई गयी सफलताओं के प्रथम लॉन्च पैड शांताराम जी
उस दिन ने मुझे जिन वी शांताराम जी से मिलवाया, वह मेरे जीवन के लिए किसी पुण्य परिचय से कम नहीं था। यदि आप सिनेमा के लिए प्रबल आग्रह नहीं […]
आदरणीय शास्त्री जी! मैं उस रात से कोई सबक नहीं लूंगा
शास्त्री जी को मैंने खुद से रिपोर्टर (Reporter) की कॉपी को सुधारते (संवारते) देखा। इधर कॉपी उनके हाथ में आयी और उधर लचर से लचर हैडिंग (Heading) भी उनकी सृजनात्मकता […]
मायने लता मंगेशकर होने के
लता मंगेशकर को वर्ष 1969 में पदमभूषण, वर्ष 1989 में दादा साहब फाल्के सम्मान, वर्ष 1999 में पदमविभूषण, वर्ष 2001 में भारत रत्न जैसे कई सम्मान प्राप्त हो चुके है […]
आज भी फिजा में गूंजता है हेमंत कुमार का संगीत
1959 में हेमंत कुमार ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र मे भी कदम रखा और हेमंता बेला प्रोडक्शन नाम की फिल्म कंपनी की स्थापना की फिल्म जगत को अपनी मधुर संगीत […]