शख्सियत
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शरद यादव; वो नेता जो बगैर जनाधार के बावजूद केंद्रीय राजनीति का भी बन गया मुख्य आधार
देश के प्रमुख समाजवादी नेताओं में शुमार रहे शरद यादव का निधन हो गया। मध्यप्रदेश से ख़ास नाता रखने वाले…
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नीतीश कुमार:बिहार की सिलवटें और दिल्ली का तख्ते-ताऊस
नीतीश कुमार भरपूर रूप से चतुर सुजान राजनेता हैं। वह हवा का रुख अपनी तरफ होने की प्रतीक्षा करने में…
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फिर भी मुबारकबाद उस तबस्सुम को …
वह शख्सियत शांत हो गयी, जिसने विलियम शेक्सपियर को अपने 78 साल के जीवन में लगभग हर क्षण गलत साबित…
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कभी डालडा कहकर चिढ़ाई जाती थी अपने दौर की यह सुपर स्टार
गुजरे समय की मशहूर अभिनेत्री माला सिन्हा शुक्रवार को 86 साल की हो गईं। आइए जानते हैं उनके बारे में।…
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नूतन: चाँद फिर निकला, मगर तुम न आये
दूरदर्शन के एकाधिकार वाले समय की बात है। उस रात ‘चित्रहार’ का पहला गाना शुरू होते ही ट्रांसमिशन अटक गया।…
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कैनवास पर कपूर की अमिट यादों का राज़
2 जून, 1988 को अंतिम सांस लेने वाले राज कपूर (Raj Kapoor) स्वयं को कुछ भरे-कुछ खाली कैनवास की तरह…
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नरगिस … मैं तमाम रात जाग ही तो रहा हूं
‘नरगिस’ (Nargis) के नाम से मशहूर फातिमा रशीद यदि आज भी हमारे बीच होती, तो जीवन के नब्बे से अधिक…
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बुकर: ‘गीतांजलि’ के बाद के 110 साल का इंतज़ार ख़त्म किया है गीतांजलि ने
भारत की लेखिका गीतांजलि श्री (Geetanjali Shri) की किताब रेत घर (Ret Ghar) को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (Booker Prize) मिलने…
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‘अर्द्ध सत्य’ वाली हत्या का पूर्ण सत्य
‘अर्द्ध सत्य’ (Arddh Satya) फिल्म मैंने भोपाल (Bhopal) में अब अतीत बन चुकी लिली टॉकीज में देखी थी। खटमलों से…
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कैसे होते होंगे वो लम्हे …?
बीस साल पुरानी वह टीस आज फिर सता रही है। अधीनस्थ रिपोर्टर ने मुझसे सपाट लहजे में कहा, ‘कैफ़ी आज़मी…
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इस प्रश्न पर मौन और कब तक ?
(नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी पर विशेष) एक प्रश्न बहुत अधिक विचलित करने का क्रम समाप्त ही नहीं…
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अध्ययन शास्त्री जी के शास्त्र का
( पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि 11 जनवरी पर विशेष) आखिर 10-11 जनवरी, 1966 के बीच…
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