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विटामिन -डी की कमी से होती है भूलने की बीमारी जानिए उपाय

आजकल की बदलती लाईफस्टाईल और भागदौड़ भरी जिंदंगी में लोगों को कई तरह की बिमारियां लग जाती हैं। इसमें से एक आम बिमारी है भूलने की । ये बिमारी पहले बढ़ती उम्र में हुआ करती है लेकिन आज के समय में कम उम्र के बच्चों को भी ये समस्या हो रही है। अहम ये है कि लोग पहले छोटी-छोटी चीजें भूलने लगते हैं लेकिन इसपर ध्यान नहीं देते और बाद में ये बढ़ कर अल्जाइमर या डिमेंशिया बीमारी का रूप ले लेती है। याददाश्त कम होती जाना और डिमेंशिया (Dementia) की बीमारी होने की मुख्य वजह शरीर में विटामिन बी12 की कमी होती है। विटमिन डी की कमी से भूलने का जोखिम बढ़ सकता है। देश में लगभग 65 से 70 प्रतिशत भारतीयों में इस विटमिन की कमी है।

शरीर में क्यों हो जाती है विटामिन डी की कमी
अगर आप विटामिन डी के लिए आवश्यक फूड का सेवन नहीं कर रहे हैं, तो यह प्रमुख कारण हो सकता है। एचआईवी जैसी बीमारियों की वजह से शरीर में विटामिन बी 12 का अवशोषण (Absorb) नहीं हो पाता है. कुछ बैड बैक्टीरिया, एंटीबायोटिक, सर्जरी और टेपवर्म भी विटामिन डी की कमी की वजह हो सकती है।

सेहत के लिए क्यों जरूरी है विटामिन डी
-विटामिन डी की कमी दिमाग और नर्वस सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित करती है.।
-महिलाओं को प्रेग्नेंसी में विटामिन डी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है।
-विटामिन डी की कमी डिमेंशियां की बीमारी का कारण बन सकता है।
-इस जरूरी विटामिन की कमी से हड्डियों और जोड़ों में दर्द रहता है
-इससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
-शरीर में एनर्जी प्रोडक्‍शन के लिए भी विटामिन डी जरूरी होता है।

विटामिन बी12 की कमी से होती है ये परेशानियां
– विटामिन डी की शरीर में कमी होने पर यह हमारे डीएनए सिंथेसिस (DNA Synthesis) को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. इस वजह से रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) बनने की गति धीमी हो जाती है. इससे घातक बीमारी मैग्लोब्लास्टिक एनिमिया (Megaloblastic Anemia) होने का खतरा पैदा हो जाता है.
– विटामिन डी की कमी डाइजेस्टिव सिस्टम खराब होने की वजह से भी हो सकती है क्योंकि इससे विटामिन का सही तरीके से एब्जॉर्वेशन नहीं हो पाता है. वेजिटेरियन या वीगन डाइट लेने वाले लोगों में भी विटामिन डी की कमी देखी जाती है. जो डिमेंशिया जैसी बीमारी को जन्म दे सकती है. इससे समझने की क्षमता पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है.

इन लक्षणों को लेकर रहें सतर्क
– याददाश्त का खो जाना, बोलने में परेशानी महसूस होना.
– हमेशा मन से विचलित महसूस करना.
– लगातार थकान महसूस करना, कमजोरी, भ्रम की स्थिति बनी रहना.
– स्किन का कलर पीला पड़ना.
– रिफ्लेक्सेस में कमी आना

विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियां
1.विटामिन डी की कमी होने पर भूलने और भ्रम में रहने की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है.
2.शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगती है.
3.शरीर में विटामिन डी की कमी होने से हमारा पूरा तंत्रिका-तंत्र भी बुरी तरह से प्रभावित होता है. इससे शरीर के हर अंग तक खून पहुंचाने में भी परेशानी होने लगती

विटामिन डी के स्रोत
विटामिन डी 2 एर्गो कैल्सिफेराल हमें खाद्य पदार्थों से मिलता है, जबकि विटामिन डी 3 कॉलेकैल्सिफेरॉल सूर्य की रोशनी पड़ने पर हमारे शरीर में उत्पन्न होता है। दोनों विटामिन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। डी 2 भोजन से प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन डी 3 का उत्पादन सूर्य के प्रकाश में ही होता है।

मशरूम
मशरूम विटामिन डी 3 के साथ-साथ विटामिन बी के भी शानदार स्रोत हैं। इनमें कम कैलोरी होती है।

काड लिवर आयल
यह तेल सेहत के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। इससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और इसे कैप्सूल या तेल के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

सूरजमुखी के बीज
इनमें न केवल विटामिन डी 3, बल्कि मोनोअनसैचुरेटेड वसा और प्रोटीन भी भरपूर होता है।

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