हेल्थ

अभी भी समय है छोड़ दीजिए सफेद ब्रेड खाना वरना झेलनी पड़ेंगी ये परेशानियां

भागती दौड़ती जिंदगी में हम में से बहुत लोग होगे जो अक्‍सर नाश्‍ते में ब्रेड (bread ) खाते हैं या फिर ब्रेड टोस्‍ट या सैंडविच तैयार करते हैं और भागते-दौड़ते ब्रेड का नाश्‍ता भी करते हैं। चाहे ब्रेड नाश्ते को आसान बना देती है, पर ये सेहत को काफी नुकसान पहुंचाती है। आज हम आपको बताएंगे ब्रेड खाने के वो नुकसान, जो शायद ही आपको पता हों। ब्रेड में सोडियम काफी ज्यादा होता है। इसलिए ये ब्‍लड प्रेशर और दिल के मरीजों (Blood pressure and heart patients) के लिए सही नहीं है। अगर लगातार इसका सेवन करेंगे तो आपको भी ये बीमारी हो सकती है। आइए जाने ब्रेड ज्यादा खाने से क्या-क्या नुकसान हो सकता है।

जानिए सफेद ब्रेड कैसे प्रोसेस होता है
सफेद ब्रेड बनाने के लिए गेंहू के आटे में कई तरह के केमिकल को ब्लीच किया जाता है जिससे आटा सफेद दिखता है। इसमें बेजॉयल पेरोक्साइड, क्लोरीन डाइऑक्साइड और पोटेशियम ब्रोमेट और रिफाइंड स्टार्च मिलाया जाता है। इन चीजों को बहुत कम मात्रा में मिलाया जाता है ताकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों।

ब्रेड खाने के नुकसान (disadvantages of eating bread)

ब्लड शुगर बढ़ता है (blood sugar rises)
व्हाइट ब्रेड में बहुत ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो शरीर में ग्लूकोज को बढ़ाने का काम करता है। डायबिटीज मरीज के लिए सफेद ब्रेड खाना हानिकारक हो सकता है क्योंकि इससे ब्लड में शुगर लेवल अचानक से बढ़ता है जो खतरनाक साबित हो सकता है। लगातार शरीर में ग्लूकोज का लेवल अधिक होने से हाइपरग्लाइसेमिक हो सकता है। इसकी वजह से हृदय संबंधी बीमारियां और किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।

वजन बढ़ सकता है (weight gain)
अगर आप हेल्दी और फिट रहना चाहते हैं तो व्हाइट ब्रेड को अपनी डाइट से बाहर करें। व्हाइट ब्रेड खाने से आपका वजन बढ़ता है, क्योंकि ये रिफाइंड कॉर्ब्स से बनता है जो शरीर में शुगर लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में एक्सट्रा ग्लूकोज फैट के रूप में जमा होने लगता है। शरीर में शुगर लेवल ज्यादा होने से मीठी चीजें खाने का मन होता है। जिसकी वजह से वजन बढ़ सकता है।

थकान और अवसाद के लक्षण (Symptoms of fatigue and depression)
सफेद ब्रेड से बनी चीजें खाने में भले ही स्वादिष्ट होती है लकिन आपके मूड को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन (American Journal of Clinical Nutrition) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि सफेद ब्रेड खाने से 50 की उम्र से अधिक महिलाओं में डिप्रेशन देखा गया है। इसे खाने के बाद थकान और अवसाद के अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है।

म्यूकस की प्रॉब्लम (Mucus problem)
जो लोग रोजाना ब्रेड खाते हैं उन्हें आंव होने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे शरीर तो कमजोर होता है ही साथ ही पाचन क्रिया भी कमजोर हो जाती है।

शरीर को पोषण नहीं मिलता (body does not get nourishment)
कई बार ऐसा होता है कि भूख लगने पर हम ब्रेड खा लेते हैं। इससे पेट तो भर जाता है लेकिन पोषण के नाम पर शरीर को कुछ भी नहीं मिलता। अगर आपका बच्चा भूख लगने पर हर रोज ब्रेड ही खाता है तो वो कुपोषण का शिकार हो सकता है।

आसानी से नहीं पचती (not easily digested)
ब्रेड के लसलसेपन के कारण वो आसानी से पचता नहीं है। इसे रोजाना खाने से पाचन संबंधी कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। ये समस्या बड़े और बच्चों दोनों को समान रूप से हो सकती है।

हार्ट के लिए खतरनाक (dangerous for heart)
ब्रेड में हाई लेवल का सोडियम होता है जो कि ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी को बढाता है। जिन लोगों को ब्रेड खाने की आदत होती है वो यह नहीं जानते कि उनके शरीर में कितना अधिक नमक इकठा हो चुका होगा।

कैसी ब्रेड खाना बेहतर
अगर आपको ब्रेड बहुत पसंद है तो आप होलग्रेन ब्रेड, होलव्‍हीट ब्रेड, ब्राउन ब्रेड, Bread with flax seeds और इसी तरह की अन्‍य ब्रेड खा सकते हैं। पर रोज ब्रेड के नाश्‍ते की बजाय प्रतिदिन अलग वैरायटी का नाश्‍ता करें।

 

 

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