इंदौर : ऐतिहासिक गेर के निकालने का रास्ता साफ, कलेक्टर ने कहा – समय रहते रास्ता हो जाएगा समतल
इंदौर – मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में होली से ज्यादा रंगपंचमी के त्यौहार की रहती है। इस बार रंगपंचमी का त्यौहार 22 मार्च को धूमधाम से मनाया जायेगा। लेकिन इंदौर में निकलने वाले एतिहासिक गेर को लेकर कुछ परेशानियां थी। इसके रूट को लेकर परेशानी थी। क्योंकि रास्ता समतल नहीं था, ऐसे में गेर कैसे निकलेगी उसको लेकर सबके मन में संशय था। वहीं कलेक्टर इंदौर मनीषसिंह ने इस मामले में कहा है कि – गेर अपने परंपरागत मार्ग पर ही निकले इसके लिए निगम ने कहा है कि खुदे हुए रास्ते को समतल कर दिया जाएगा। ताकि गेर सुव्यवस्थित निकाली जा सके। इसके साथ ही कलेक्टर इंदौर ने कहा कि हम गेर में शामिल होने वाले लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगे। जो भी सभी के हित में होगा उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
दिन रात करना होगा काम
अब अब रंगपंचमी को मात्र 20 दिन बचे हैं जबकि आधा किमी का मार्ग खुदा है। ऐसे में नगर निगम के पास केवल दो विकल्प हैं। पहला तो यह कि 20 दिनों में टीम लगाकर दिन-रात काम कराएं या फिर सिर्फ गेर निकालने की स्थिति में अस्थाई रूप से समतल करा दें। हालांकि नगर निगम को अस्थाई रूप से समतल करने में परेशानी और बढ़ेगी क्योंकि गेर में जमकर पानी का उपयोग होता है और फिर वापस से उसे खुदवाकर फिर पक्का काम करना ही होगा। जानकरी के अनुसार अभी टोरी कॉर्नर और खजूरी बाजार मार्ग के एक बड़े हिस्से का आधा किमी का मार्ग खुदा पड़ा है। नगर निगम के द्वारा इस रास्ते को समतल करने की बात भी कही है।
सवा लाख से भी ज्यादा लोग शामिल होंगे
इस बार इंदौर की एतिहासिक गेर को लेकर लोगों में जबर्दस्त उत्साह है। संभव है कि हर साल गेर में जहां सवा लाख से ज्यादा लोग एकत्रित होते हैं तो इस बार और भी ज्यादा होंगे। इसका खास कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार गिरना है।
पुराने मार्ग से बेहतर कुछ भी नहीं
टोरी कॉर्नर गेर के आयोजकों ने बताया कि पुराने मार्ग पर ही गेर निकली तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा। सभी गेर आयोजक शुरू से ही इस बात के पक्षधर हैं कि परम्परागत रुट पर ही निकाली जाए।
गेर का परंपरागत मार्ग
इंदौर की ऐतिहासिक गेर का कैलाश मार्ग से शुरू होती है। जो दलिया पट्टी, टोरी कॉर्नर, एमजी रोड, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, इमाम बाड़ा, बड़ा सराफा, सांठा बाजार, सीतलामाता बाजार, हुकुमचंद मार्ग होते हुए मल्हारगंज पहुंचती है। वहीं हिन्द रक्षक फाग यात्रा नृसिंह बाजार से शुरू होकर सीतलामाता बाजार होते हुए गेर में शामिल होती है।