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कोरोना समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा- इलाज के लिए बिस्तर, आक्सीजन, इंजेक्शन की हो पर्याप्त व्यवस्था

  • ‘होम आयसोलेशन’ की हो अच्छी मॉनीटरिंग, 24 घंटे में आ जाए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी जिलों में कोरोना के उपचार के लिए बिस्तरों, आक्सीजन आपूर्ति, रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। साथ ही भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए सभी जिलों में बिस्तर बढ़ाने, आक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्ति के युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के 49 जिलों में कोविड केयर सेंटर चालू कर दिए गए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए 450 एम.टी. आक्सीजन की स्वीकृति मिल गई है। अब उसे जल्द से जल्द लाने की व्यवस्था की जा रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में होम आयसोलेशन की पूरी जानकारी प्रशासन के पास रहनी चाहिए तथा होम आयसोलेशन की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। होम आइसोलेशन के मरीजों को दवाओं एवं चिकित्सा परामर्श के साथ ही आवश्यकता होने पर अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना के टेस्ट के बाद उसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाए, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि टेस्ट कराने के बाद जब तक रिपोर्ट न आ जाए, व्यक्ति आयसोलेशन में रहे, अन्यथा संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।





मुख्यमंत्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव जल-संसाधन एस.एन मिश्रा, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन पी. नरहरि आदि उपस्थित थे।

295 एम.टी. आक्सीजन की उपलब्धता
प्रदेश में वर्तमान में 295 मीट्रिक टन आक्सीजन की उपलब्धता है, जिसे बढ़ाया जा रहा है। आईनोक्स गुजरात से 120 एम.टी. तथा भिलाई से 112 एम.टी. आक्सीजन प्राप्त होगी। केन्द्र सरकार की स्वीकृति अनुसार कुल 450 एम.टी. आक्सीजन प्रदेश को मिलेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि आक्सीजन संयंत्रों से प्रदेश में आक्सीजन लाने के लिए आक्सीजन टैंकरों को फॉलो एवं पायलट गार्ड दिए जाए, जिससे रियल टाईम में आक्सीजन प्रदेश पहुँच सके। आक्सीजन लाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर भी बनाया जाए।

आज प्राप्त हो जाएंगे 175 आक्सीजन कंसंट्रेटर
प्रदेश में आज 175 आक्सीजन कंसंट्रेटर विभिन्न जिलों में प्राप्त हो जाएंगे। बड़े अस्पतालों में लिक्विड आक्सीजन प्लांट भी शीघ्र चालू होंगे।

42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त
प्रदेश में अभी तक 42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त हुए हैं। मायलान कम्पनी को 50 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन का आर्डर दिया गया है, जो शीघ्र प्रदेश को प्राप्त होंगे। इसके अलावा सिपला आदि कंपनियों से भी रेमडेसिविर इंजेक्शन क्रय किए जा रहे हैं।

 

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कोरोना उपचार के लिए 37 हजार 719 बिस्तर
प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए वर्तमान में कुल 37 हजार 719 बिस्तर हैं, जिनमें से 21 हजार 516 सरकारी अस्पतालों में तथा 16 हजार 213 निजी अस्पतालों में हैं। एम्स भोपाल से 500 बिस्तरों का अनुबंध किया गया है, जिनमें से 165 बिस्तर आई.सी.यू. के हैं। भोपाल में अभी 6,361 बिस्तर हैं, जिन्हें बढ़ाकर 9,822 किए जाने की योजना है। इसी प्रकार इंदौर में वर्तमान में 6,774 बिस्तर हैं, जिन्हें 13 हजार किया जा रहा है। जबलपुर में 3,150 बिस्तर हैं जिन्हें बढ़ाकर 5,132 किया जा रहा है। उज्जैन में 1090 बिस्तर हैं, जिन्हें बढ़ाकर 1933 किया जा रहा है। ग्वालियर में 600 बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं। प्रशासन अकादमी भोपाल में 150 बिस्तरों का कोविड केयर सेंटर प्रारंभ किया जा रहा है, वहाँ आॅक्सीजन के लिए आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जा रहे हैं।

पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी अस्पतालों में कोरोना के उपचार के लिए पर्याप्त डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कार्य में आयुष विभाग के अमले, नर्सिंग कॉलेज की टीम तथा इन्टर्नशिप कर रहे चिकित्सा विद्यार्थियों को भी लगाया जाए।

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