भोपाल में होगा राष्ट्रीय फिल्म उत्सव , पढ़िए पूरी जानकारी
फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल के द्वारा जमीन से जुड़े लोगों की कहानियां भी आसानी से समाज में पहुंच सकेगी।
हमने संस्कृति को भारतीय सिनेमा से जोड़कर खत्म कर दिया है। हमारे हर उत्सव में आजकल सिनेमा के गाने बजाए जाते हैं। कहानियां ही राष्ट्र की संपत्ति बनती हैं। इसलिए ज़मीन और लोगों से जुड़ी कहानियां सिनेमा के माध्यम से समाज में पहुंचे, इसके प्रयास होने चाहिए।
उदारवादी व्यवस्था ने खत्म किए समस्याओं को मिटाने वाले नायक :
अग्निहोत्री ने कहा कि 1990 के बाद उदारवादी व्यवस्था के साथ सांस्कृतिक आक्रमण भी हुआ। पहले की फिल्मों में भारत का आम व्यक्ति समस्याओं से लड़ता हुआ और जीतता हुआ दिखाया जाता था। लेकिन अब विदेशों में जाकर प्रेम करते हुए ही दिखाया जाता है। फिल्मों से कॉमनमैन गायब हो गया। आज सिनेमा में झूठ दिखाया जा रहा है। क्योंकि भारतीय सिनेमा में फ़िल्म बनाने वाले लोग भारत की संस्कृति से जुड़े नहीं हैं। इसके साथ ही पिछले कुछ समय में विदेशी कंपनियों का दखल बढ़ गया है। आजकल ज्यादातर फिल्मों का कॉपीराइट विदेशी कंपनियों के पास है। भारतीय चित्र फ़िल्म फेस्टिवल जैसे आयोजनों की आवश्यकता है। ताकि भारत के क्रिएटिव लोगों को अपनी कहानियां बताने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि इस फ़िल्म फेस्टिवल की थीम बहुत आकर्षक हैं। इस अवसर पर फ़िल्म फेस्टिवल का पोस्टर भी लोकार्पित किया गया।
आयोजन समिति के अध्यक्ष दिलीप सूर्यवंशी ने कहा कि भोपाल में फिल्मों को लेकर काफी संभावनाएं हैं। भोपाल में फिल्म इंस्टीट्यूट बनाना हो या इससे संबंधित किसी भी कार्य के लिए वह सदैव तैयार हैं।
भारतीय चित्र साधना के राष्ट्रीय लघु फिल्म उत्सव के चौथे संस्करण के लिए गठित आयोजन समिति में उपाध्यक्ष संजीव अग्रवाल, मयंक विश्नोई, बीएस यादव, अनुपम चौकसे,लक्ष्मेन्द्र माहेश्वरी, लाजपत आहूजा, सह-सचिव आशीष भवालकर, कोषाध्यक्ष दीपक शर्मा, सह-कोषाध्यक्ष इंदर सहोता, सदस्य डॉ. विश्वास चौहान, डॉ. अजय नारंग और दिनेश जैन सहित अन्य सम्मानित नागरिक शामिल हैं। मध्यप्रदेश शासन ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश को समिति का नोडल अधिकारी बनाया है। संस्कृति विभाग, विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश, सतपुड़ा चलचित्र समिति एवं राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फिल्म फेस्टिवल के सह-आयोजक हैं। प्रेसवार्ता में भारतीय चित्र साधना के न्यासी अजित भाई शाह भी उपस्थित रहे। गंगवार ने फिल्म फेस्टिवल की प्रस्तावना प्रस्तुत की और प्रो. केजी सुरेश ने आयोजन स्थल एवं उससे जुड़ी तैयारियों की जानकारी दी।
देशभर से जुटेंगे प्रख्यात फिल्मकार एवं कलाकार