हेल्थ

कही आप को भी तो नहीं है कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम,जानिए लक्षण

इन दिनों कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) की वजह से बच्चों का स्कूल, बड़ों का ऑफिस सब कुछ घर से ही चल रहा है । घर में हम दिन भर या तो कम्प्युटर में या फिर मोबाइल में कम करते है या फिर मनोरंजन लेकिन क्या आपको कभी ऐसा लगता है कि आपकी आंखों में कंप्यूटर स्क्रीन की रोशनी चुभ रही है और आपके सिर भरी हो रहा है ? साथ ही अपने मोबाइल फोन को देखने के बाद आपको चक्कर आरहे है या फिर वोमीटिंग आ रही है? तो ये सब बहुत देर तक स्क्रीन को देखने के कारण हो रहा है और यह बस आंखों में खिंचाव या थकान का नतीजा है। बहुत समय तक गैजेट्स का इस्तेमाल करने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों में कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण नामक स्थिति के लक्षण हैं। साल 2020 के आंकड़ों की मानें तो भारत में औसतन हर व्यक्ति रोजाना कम से कम 7 घंटे स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर या टैबलेट जैसे गैजेट्स का इस्तेमाल (Gadgets Use) करता है।

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम में यंगस्टर्स को आंखों में ड्राईनेस की समस्या होती है। ऐसा स्क्रीन पर अधिक वक्त बिताने की वजह से होता है। आंखों में ड्राईनेस की मुख्य वजह कंप्यूटर और मोबाइल पर बहुत अधिक समय बिताना और इन पर काम करने के दौरान पलकें कम झपकाना होती हैं। कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (CVS) को डिजिटल आई स्ट्रेन भी कहा जाता है क्योंकि इसमें आंखों पर बहुत अधिक जोर पड़ता है. इसके अलावा सिर दर्द (Headache), गर्दन में दर्द (Pain in neck) और कंधे में दर्द (Pain in shoulder) जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन (AOA) की मानें तो अगर कोई व्यक्ति रोजाना 2 घंटे या इससे अधिक समय तक लगातार कंप्यूटर या किसी अन्य डिजीटल स्क्रीन का इस्तेमाल करता है तो उसे डिजिटल आई स्ट्रेन या कंप्यूर विजन सिंड्रोम होने का खतरा अधिक होता है।

कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Computer Vision Syndrome)
– आंखों पर जोर पड़ना, किसी चीज को देखने के लिए बहुत जोर लगाना
– आंखों में खुजली होना
– आंखों में सूखापन महसूस होना
– धुंधला दिखायी देना
– डबल विजन (हर चीज दोहरी दिखना)
– फोकस करने में दिक्कत होना
– निकट दृष्टि दोष या मायोपिया
– सिर में दर्द
– गर्दन में दर्द या अकड़न महसूस होना
– कंधे में दर्द होना
– पीठ में दर्द

इन कारणों से होती है यह समस्या
– डिजिटल स्क्रीन यूज करते वक्त लाइट सही न होना, कम रोशनी में स्क्रीन देखना
– स्क्रीन पर बहुत अधिक रोशनी पड़ने के कारण स्क्रीन का चमकना
– स्क्रीन को आंखों से जितनी दूर होना चाहिए उससे कम दूरी पर रखना
– गैजेट्स या डिजिटल स्क्रीन का उपयोग करते वक्त बैठने का पॉस्चर सही न होना
– स्क्रीन के बहुत नजदीक या बहुत दूर होना
– लगातार बिना ब्रेक लिए स्क्रीन की ओर देखते रहना

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से राहत पाने के लिए क्या करें
‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम में आखों में भारीपन, आंखें लाल होना और कई बार आंखों मं पानी आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ड्राई आंखों की समस्या भी इसी से जुड़ी हुई है। इस समस्या से बचाव के लिए बेहतर रहेगा कि आप स्क्रीन पर काम करने के लिए टाइम फिक्स कर लें, 24 घंटे में से 4 घंटे से ज्यादा स्क्रीन ना देखें। अगर आपके काम के घंटे ज्यादा हैं, तो हर आधे घंटे बाद कंप्यूटर स्क्रीन से 1-2 मिनट के लिए कहीं और देखें। इसके अलावा हर एक घंटे पर बैठने वाली जगह से हट जाएं और थोड़ा इधर-उधर घूमें। इससे आंखों को रेस्ट मिल पाता है। आंखों की रोशनी बेहतर बनाए रखने के लिए विटामिन ए रिच डाइट लें जैसे कि फ्रूट्स, हरी सब्जी और लिक्विड डाइट ज्यादा लें। अगर स्क्रीन पर ज्यादा देर तक देखते रहने की वजह से आंखें थक गई हैं, तो इसके लिए आर्टिफिशियल क्लियर आई ड्रॉप्स आती हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। हमारी आईलिड्स 15-20 बार झपकती हैं। ये टियर्स को कोर्निया के ऊपर फैलाती हैं, लेकिन स्क्रीन पर लगातार देखने की वजह से पलकें महज 8-10 बार ही झपक पाती हैं। इसकी वजह से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की समस्या शुरू होती है। आर्टिफिशियल टियर्स एक तरह से टियर्स का सब्स्टीट्यूट हैं। इसका आंखों पर सूदिंग इफेक्ट होता है और इससे आंखों की ड्राईनेस खत्म हो जाती है।’

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button