SC की केन्द्र पर तल्ख टिप्पणी: 18+ के लिए पेड टीकाकरण नीति को बताया मनमाना और तर्कहीन
ताजा खबर: नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से मची तबाही को रोकने में कारगर मानी जा रही वैक्सीन (Vaccine) को जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार (central government) को जमकर लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 18-44 आयु वर्ग (18-44 age group) के लिए पेड कोविड-19 टीकाकरण नीति (Paid COVID-19 Vaccination Policy) को मनमाना और तर्कहीन बताया। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जिस कोविन ऐप (covin app) पर रजिस्ट्रेशन को जरूरी बताया जा रहा है, उसे नेत्रहीन कैसे इस्तेमाल करेंगे। देश की आधी आबादी के पास मोबाइल फोन (mobile phone) नहीं है, वे कैसे वैक्सीनेशन कराएंगे।
वैक्सीनेशन को लेकर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि कोर्ट सरकारी नीतियों (government policies) में दखल नहीं दे सकता। इस पर कोर्ट ने कहा- संविधान (Constitution) ने हमें जो भूमिका सौंपी है, हम उसका पालन कर रहे हैं। संविधान के मुताबिक, जब कार्यपालिका (executive) लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करे, तो न्यायपालिका (Judiciary) मूकदर्शक न रहे।
दरअसल, वर्तमान में केंद्र की टीकाकरण नीति (vaccination policy) के मुताबिक 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को मुफ्त टीका लगेगा और 18-44 आयु वर्ग के लोगों को इसके लिए भुगतान करना होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर (Second wave) ने 18-44 आयु वर्ग (18-44 age group) के कई लोगों को प्रभावित किया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों (health experts) ने भी हाल ही में बताया है कि कोविड की पहली लहर के विपरीत जब बुजुर्ग और कॉमरेडिडिटी वाले लोग अधिक प्रभावित थे, दूसरी लहर में युवा लोग अधिक प्रभावित हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र की कोविड टीकाकरण नीति को ‘प्रथम दृष्टया मनमाना और तर्कहीन’ बताया और टीकाकरण नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अदालतें ‘मूक दर्शक’ नहीं हो सकतीं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से टीकाकरण नीति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कहा है कि वैक्सीन कब-कब खरीदी गई, इस संबंध में कोर्ट को पूरी जानकारी विस्तार के साथ दी जाए। कोर्ट ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का वक्त दिया है।