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सोनिया ने 10 जनपथ में इन विपक्षियों को इकट्ठा कर ममता को दिया बड़ा संदेश

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने कल देर शाम 10 जनपथ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (NCPy chief Sharad Pawar) और विपक्षी दलों के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में पवार के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (National Conference President Farooq Abdullah), शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena leader Sanjay Raut) और डीएमके नेता टीआर बालू (DMK leader TR Baalu) भी शामिल हुए। हालांकि, बैठक से तृणमूल कांग्रेस (TMC) नदारद थी।

यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मुंबई दौरे के वक्त यह कहा था कि अब कोई UPA नहीं है और वह खुद को मुख्य विपक्षी चेहरे के तौर पर स्थापित करने में जुटी हैं। अब ममता की पार्टी के बिना ही सोनिया की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं की बैठक को ममता बनजी के लिए एक बड़े संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है। इसमें संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की साझा रणनीति को लेकर चर्चा की गई।

दरअसल, अपनी हालिया मुंबई यात्रा के दौरान ममता बनर्जी ने यह कहकर कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी थी कि अब UPA (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) जैसा कुछ भी नहीं है। एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना नेताओं से मुलाकात कर टीएमसी प्रमुख ने बगैर कांग्रेस के विपक्षी गुट बनाने का शिगूफा छेड़ा था। साथ ही बीते दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान भी तृणमूल कांग्रेस नेत्री और कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी (Congress supremo Sonia Gandhi) की कोई मुलाकात तक नहीं हुई थी। टीएमसी और कांग्रेस के रिश्तों में आई खटास के बीच इस बैठक को अहम माना जा रहा है।

ठाकरे और स्टालिन ने भेजे अपने ‘दूत’
सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी ने इस बैठक के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) को आमंत्रित किया था। इन दोनों नेताओं ने बैठक के लिए राउत और बालू को भेजा। इससे पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में अशोभनीय आचरण को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला। सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया।

विपक्ष की रणनीति पर चर्चा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Leader of Opposition in Rajya Sabha Mallikarjun Kharge) ने भी इस बैठक में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। बताया गया कि इस मुलाकात में संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की साझा रणनीति को लेकर चर्चा की गई।

क्या बोले फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बताया, यह देश के मुद्दों से जुड़ी बैठक थी। हमने इस बारे में बात की कि हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं और देश को इस मुश्किल हालात से कैसे निकाल सकते हैं। इन्हीं सब मुद्दों पर हमारे बीच अच्छा समझौता भी हुआ है।

निलम्बित सदस्य माफी नहीं मांगेंगे
सूत्रों ने कहा, बैठक में सभी सदस्य इस बात पर सहमत थे कि निलम्बित सदस्य माफी नहीं मांगेंगे। उनका कहना था कि जब कोई गलत काम ही नहीं किया गया है तो माफी किस बात के लिए मांगेंगे। कई नेताओं ने कहा कि सरकार ने गलत कदम उठाया है, इसलिए उसे ही माफी मांगनी चाहिए। उनका कहना था कि सदस्यों को पहले के सत्र में किए गए व्यवहार के लिए इस सत्र में निलम्बित करना गलत है। इसके लिए सरकार माफी मांगे। बैठक के बाद संजय राउत ने बताया कि हमारा मुख्य एजेंडा राज्यबद्ध तरीके से विपक्ष की एकजुटता था। यह पहली बैठक थी।

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