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वैज्ञानिकों का अनुमान: जून अंत में मिल सकती है महामारी से राहत

नई दिल्ली। देश कोरोना वायरस (Corona virus) से खराब हो रही स्थिति को लेकर वैज्ञानिक (Scientist) अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को सलाह देने वाली एक टीम ने पिछले महीने बताया था कि आने वाले कुछ दिनों में भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अपने पीक पर होगा। लेकिन स्थितियां बिगड़ गईं और सलाहकार टीम (Advisory team) का यह अनुमान गलत साबित हो गया। बहरहाल, इस टीम का हालिया अनुमान (Recent estimates) उन वैज्ञानिकों के सुझाव के करीब है जिनका मानना है कि मई मध्य में भारत में कोरोना (Corona)  का पीक होगा और उसके बाद मामले घटने लगेंगे।

भारत में कोरोना संक्रमण के अब रोजाना चार लाख से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं। शुक्रवार को कोरोना के 414,262 नए मामलों की पुष्टि की गई थी जबकि 24 घंटों के दौरान 4 हजार से अधिक लोगों ने जानलेवा वायरस (Deadly virus) की चपेट में आने से दम तोड़ दिया था। मगर एक्सपर्ट्स का कहना है कि आंकड़ों को कम करके बताया जा रहा है, क्योंकि श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार (Funeral) के लिए लाइनें लग रही हैं तो अस्पतालों में संक्रमित मरीजों को बेड (Bed) और आॅक्सीजन (Oxygen) नहीं मिल पा रहा है। हालांकि इन आंकड़ों के चलते स्थिति का आकलन मुश्किल हो रहा है।





फिर भी अनुमान महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय लॉकडाउन (National lockdown) लगाने से बच रहे हैं। इसके बजाय कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकारें (State governments) अपने स्तर पर लॉकडाउन लगा रही हैं या कड़ी बंदिशें लागू कर रही हैं। ब्लूमबर्ग ने हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) में प्रोफेसर माथुकुमल्ली विद्यासागर (Professor Mathukumalli Vidyasagar) के हवाले से बताया, ‘हमारे पुवार्नुमान के मुताबिक अगले कुछ दिनों में भारत में कोरोना का पीक देखने को मिल सकता है।’ कानपुर आईआईटी (Kanput IIT) के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल (Professor Manindra Aggarwal) की तरफ से तैयार किए गए मॉडल का उल्लेख करते हुए प्रोफेसर माथुकुमल्ली विद्यासागर ने बताया, ‘मौजूदा अनुमान के मुताबिक जून के अंत तक हमें रोजाना 20 हजार मामले देखने को मिलेंगे। हम इसे जरूरत पड़ने पर संशोधित करेंगे।’

मनिंद्र अग्रवाल की टीम ने यह गलत भविष्यवाणी की थी कि अप्रैल मध्य(Middle of april) तक कोरोना की लहर अपने चरम पर होगी। यह गलत मापदंडों की वजह से हुआ। अभी हाल ही में मनिंद्र अग्रवाल ने कहा था कि कोरोना का पीक 3-5 मई के दौरान होगा। इसके बाद उन्होंने बातचीत में भी कहा कि सात मई को कोरोना का संक्रमण अपने चरम पर होगा।





फिलहाल, वैज्ञानिक काफी हद तक सहमत हैं कि आने वाले कुछ सप्ताह भारत के लिए मुश्किल होंगे। बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) की एक टीम ने एक गणितीय मॉडल (Mathematical model) का उपयोग करते हुए बताया कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहा तो 11 जून तक 404,000 मौतों का अनुमान है। भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या पहले ही दो लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। पिछले 15 दिनों में भारत में कोरोना के मामले सीधे तीन लाख से ऊपर पहुंच गए। भारत में संक्रमितों की संख्या 2।5 करोड़ के करीब पहुंच गई है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अचानक आई कोरोना की दूसरी लहर के लिए नए वेरिएंट (New variants) जिम्मेदार हैं।

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