खुलकर करें अपने प्रियजनों से बात, गॉसिप से दूर होता है स्ट्रेस
बचपन से हमे ये सिखाया जाता है कि अपने काम ठीक ढंग से किए जाने चाहिए। ज्यादा बाते नहीं करना चाहिए, अपने सामान को व्यवस्थित रखना चाहिए वगैरा-वगैरा। लेकिन क्या आप जानते है कि इनमें से कुछ आदतें ऐसी भी है जिससे आपका स्ट्रेस कम हो सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क : बचपन से हमे ये सिखाया जाता है कि अपने काम ठीक ढंग से किए जाने चाहिए। ज्यादा बाते नहीं करना चाहिए, अपने सामान को व्यवस्थित रखना चाहिए वगैरा-वगैरा। लेकिन क्या आप जानते है कि इनमें से कुछ आदतें ऐसी भी है जिससे आपका स्ट्रेस कम हो सकता है। जी हां एक रिपोर्ट के मुताबिक आप जितना ज्यादा अपने फेवरेट लोगों के साथ बातचीत करते है। उतना ही आपके स्ट्रेस का लेवल कम होता है। इसलिए अपने फेवरेट पर्सन के साथ खुलकर बात करनी चाहिए।
गॉसिप करें स्ट्रेस दूर
महिलाओं का गॉसिप करना हमेशा से ही लोगों को पसंद नहीं आता है, लेकिन अब बिंदास होकर खूब गॉसिप करिए, क्योंकि इससे स्ट्रेस कम होता है। जी हां, बाते करने से दिल को ढेर सारी खुशी मिलती है। जिससे स्ट्रेस खुद-ब-खुद कम होता है।
च्युइंगम चबाने से भी है बड़ा फायदा
च्युइंगम चबाना कई लोगों की आदत होती है, जो कई बार दूसरों को बहुत ज्यादा इरिटेट कर सकती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक च्युइंगम चबाने से फोकस बढ़ता है। लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने में मददगार है। मेमोरी तेज करने में हेल्प मिलती है। च्युइंगम चबाने से तनाव भी कम होता है।
नाखून काटने से बढ़ेगी इम्यूनिटी
कुछ लोगों की आदत होती है दांतों से नाखून काटने की। वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसे नाखूनों को कुतरना हेल्थ के लिए अच्छा होता है। इससे शरीर में नए बैक्टीरिया विकसित होते हैं, जो आगे चलकर आपके इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं।
लापरवाही भी है अच्छी
कुछ लोगों की आदत होती है देरी करने की। इन लोगों को स्कूल , कॉलेज, ऑफिस, घर या किसी फंक्शन में ही क्यों न जाना हो, कभी भी समय पर नहीं पहुंचते। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक स्टडी के अनुसार समय को लेकर लापरवाह लोगों को स्ट्रेस कम होता है। वे दूसरों की अपेक्षा ज्यादा हैप्पी और हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं।
हंसना भी है जरूरी
कभी-भी हंसते रहने वाले लोगों को लोग अजीब नजर से देखते हैं। वहीं, हमेशा खी-खी करके हंसने वाले लोगों की भी एक अलग इमेज बन जाती है। अगर आपको भी इससे परेशानी हैं तो जान लें कि हंसने और दूसरों से बैठकर बातें करने से व्यक्ति को खुशी मिलती है। वहीं, दोस्तों और रिश्तेदारों से दूसरों के बारे में बात करने और हंसने से शरीर फील-गुड हार्मोन को रिलीज करता है, जिससे व्यक्ति चिंतामुक्त रहता है।