भोपाल

अमेरिकी एक्‍सपर्ट करेंगे मेडिकल स्‍टूडेंट से नालेज शेयर

टी.बी. मुक्त शहर बनाने के लिये इस एमओयू के माध्यम से ऐमरी यूनिवर्सिटी के साथ टी.बी. शोध, उपचार एवं नयी तकनीकों का आदान-प्रदान किया जायेगा।

भोपाल। अब गांधी मेडिकल कालेज के छात्रों और प्रोफेसर के साथ अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ अपने शोध, नालेज और नई-नई तकनीक शेयर करेंगे। सोमवार को नॉलेज शेयरिंग मिशन के तहत चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री विश्‍वास सारंग की मौजूदगी में जीएमसी और अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू हुआ। इस अवसर पर सारंग ने कहा कि ज्ञान बांटने से बढ़ता है। इस एमओयू से मरीज एवं छात्रों को फायदा होगा।

पहले चरण में जीएमसी के साथ एमओयू हुआ है। अगले चरण में अन्य मेडिकल कालेज के साथ भी एमओयू कर इस प्रक्रिया को बढ़ाया जायेगा। इससे प्रदेश के छात्र ऐमरी यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स एवं आब्जर्वरशिप कार्यक्रम में भी प्रशिक्षित होने का अवसर मिल सकेगा। टी.बी. मुक्त शहर बनाने के लिये इस एमओयू के माध्यम से ऐमरी यूनिवर्सिटी के साथ टी.बी. शोध, उपचार एवं नयी तकनीकों का आदान-प्रदान किया जायेगा।

शोध एवं एडवांस हेल्थ केयर के क्षेत्र में प्रख्यात है ऐमरी यूनिवर्सिटी

ऐमरी यूनिवर्सिटी अमेरिका के ऑक्सफ़ोर्ड और अटलांटा शहर में वर्ष 1836 से स्थापित एक प्रतिष्ठित संस्थान है। यूनिवर्सिटी में ऐमरी ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर डॉ. रेबेका मार्टिन कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ी। एमओयू हस्ताक्षर के लिये ऐमरी यूनिवर्सिटी से विशेष रूप से संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ डॉ. मनोज जैन पधारे थे। डॉ. जैन मध्यप्रदेश में जन्मे और इंदौर मेडिकल कालेज से पढ़े और वर्तमान में अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के प्रख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ हैं।

एमओयू के मुख्य बिंदु

चिकित्सीय विषयों पर लेक्चर (ऑन-साइट/ऑनलाइन): ऐमरी यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स द्वारा मध्यप्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों को चिकित्सीय विषयों पर ऑन साइट अथवा ऑनलाइन लेक्चर दिये जायेंगे।

चिकित्सा के विभिन्न विषयों पर कॉन्फ्रेंस एवं वर्कशॉप का आयोजन

नवीन चिकित्सा तकनीकों का आदान-प्रदान

चिकित्सीय ट्रेनिंग से क्षमता विकास

संयुक्त चिकित्सीय शोध के प्रकल्प

सर्टिफिकेट कोर्स एवं ऑब्जर्वरशिप

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