बांधवगढ़ से बड़ी खबर: मां से बिछुड़े तेंदुए के दो शावकों ने भूख-प्यास से तोड़ा दम, शंका में प्रबंधन
दोनो शावकों के पेट पूरी तरह खाली थे, सम्भवत: मौत की यही वजह रही हो। हालांकि तत्काल इलाज दिया गया, परन्तु बचाए नही जा सके। इलाज की पूरी कोशिश की गई पर तीन-चार घंटे एक शावक की मौत हो गई है, जबकि दूसरे ने देर रात दम तोड़ दिया।
उमरिया। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सोमवार को बहुत ही दुखी करने वाली खबर सामने आई है। घटना पनपथा बफर परिक्षेत्र के जंगल की है। यहां पर तेंदुए के दो शावकों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है इन शावकों ने भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर दम तोड़ा है। दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस मामले में जंगल के प्रबंधन ने बताया कि मां से शावक अलग हो गए थे जिस वजह से भखे-प्यासे थे। गश्ती दल की इन पर जैसे ही नजर पड़ी उन्हें तत्काल इलाज के प्रयास शुरू किए गए, लेकिन कोशिश सफल नहीं रही।
वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता ने बताया कि दोनो शावकों के पेट पूरी तरह खाली थे, सम्भवत: मौत की यही वजह रही हो। हालांकि तत्काल इलाज दिया गया, परन्तु बचाए नही जा सके। इलाज की पूरी कोशिश की गई पर तीन-चार घंटे में एक शावक की मौत हो गई है, जबकि दूसरे ने देर रात दम तोड़ दिया। प्रबंधन के मुताबिक मां से शावक अलग हो गए थे जिससे शावक भूखे-प्यासे थे। उन्होंने यह भी बताया कि पनपथा बफर परिक्षेत्र के बटुराहार इलाके में तेंदुए के दो शावक गश्ती टीम को बेसुध पड़े मिले थे।
प्रबंधन को यह भी हो रही आशंका
तेंदुए के शावक मृत अवस्था में मिलने के बाद प्रबंधन ने डाग डाग स्क्वायड की मदद से घटना क्षेत्र की जांच शुरू कर दी। साथ ही प्रबंधन शावकों की मां को तलाश करने में जुटा हुआ है। प्रबंधन यह जानकारी जुटाने का प्रयास भी कर रहा है कि आखिर शावकों को छोड़कर मां उनसे अलग कैसे हो गई। कहीं कोई दूसरा मामला तो मादा तेंदुए के साथ तो नहीं हुआ।
विशेषज्ञों का यह है मानना
वन्य प्राणी विशेषज्ञों की मानें तो मादा तेंदुआ अक्सर अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने कमजोर शावकों को छोड़ देती है, इस मामले में भी सम्भवत: ऐसा हो सकता है कि मादा तेंदुए ने अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने इन दोनों कमजोर शावकों को जंगल मे ही छोड़ा हो। गश्ती दल ने उन्हें बचाने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्य से दोनो ने जान गंवा दी।