ताज़ा ख़बर

नेपाल: बुझ गया उम्मीदों का हरेक तारा: तारा एयरलाइन्स के सभी 22 यात्रियों के मिले शव 

काठमांडू। तारा एअर (Tara Air) विमान हादसे के सवारों को लेकर उम्मीदों का हरेक तारा आज उस समय बुझ गया, जब सभी 22 यात्रियों के शव मिले। नेपाल में हुए इस हादसे में चार भारतीयों की भी मौत हुई है। यह पोखरा (Pokhara) से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही रविवार को पर्वतीय मुस्तांग (Mustang) जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
नेपाल सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर नारायण सिल्वाल ने ट्वीट किया, ‘‘आखिरी शव भी बरामद कर लिया गया है। दुर्घटनास्थल से बाकी 12 शवों को काठमांडू लाने की व्यवस्था की जा रही है।’’
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) के प्रवक्ता देवचंद्र लाल कर्ण ने कहा, ‘‘ खोज एवं बचाव दल ने आज (मंगलवार को) सुबह एक और शव बरामद किया। सभी 22 शव घटनास्थल से बरामद कर लिए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ विमान हादसे में मारे गए 10 लोगों के शव घटनास्थल से आधार शिविर लाए गए हैं।’’
कर्ण ने कहा, ‘‘ दो शव अब भी घटनास्थल पर हैं। खराब मौसम के कारण अभियान रोका गया है। मौसम के साफ होते ही उन शवों को भी आधार शिविर लाया जाएगा।’’
कर्ण ने कहा कि अब हादसे में चार भारतीय नागरिकों, चालक दल के तीन सदस्यों सहित सभी 22 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है।
विमानन कंपनी की ओर से जारी यात्रियों की सूची के अनुसार, विमान में चार भारतीय मौजूद थे, जिनकी पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांडेकर (त्रिपाठी) और बच्चों-धनुष त्रिपाठी व ऋतिका त्रिपाठी के तौर पर हुई है। यह परिवार महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला था।
इससे पहले सोमवार को 10 शवों को काठमांडू लाया गया था और महाराजगंज के त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा।
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) ने सोमवार रात एक बयान जारी कर बताया था कि दुर्घटनास्थल से 21 शव बरामद कर लिए गए हैं।
गौरतलब है कि ‘तारा एअर’ का ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान रविवार सुबह पोखरा से उड़ान भरने के कुछ समय बाद नेपाल के पहाड़ी इलाके में लापता हो गया था। कनाडा निर्मित इस विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे। यह विमान पोखरा से मध्य नेपाल स्थित मशहूर पर्यटक शहर जोमसोम की ओर जा रहा था।
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने विमान हादसे में चालक दल के सदस्यों और यात्रियों की मौत पर शोक जताया है।
सरकार ने विमान हादसे के कारण का पता लगाने के लिए वरिष्ठ वैमानिक इंजीनियर रतीश चंद्र लाल सुमन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है।
सीएएएन के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी ने सोमवार को संसद की अंतरराष्ट्रीय समिति की बैठक में बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि विमान खराब मौसम के कारण बाईं ओर मुड़ने के बजाय दाईं ओर मुड़ गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
सीएएएन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा था कि मुस्तांग जिले के थसांग-2 में 14,500 फुट की ऊंचाई पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। दुर्घटनास्थल पर नेपाल की सेना, एयर डायनेस्टी, कैलाश हेलीकॉप्टर, फिशटेल एयर हेलीकॉप्टर के खोज एवं बचाव दल और अन्य कर्मी तैनात किए गए थे।
सोशल मीडिया पर जारी तस्वीर में केवल विमान का पीछे का हिस्सा और एक पूरा पर (विंग) नजर आ रहा है।
एवरेस्ट सहित दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से आठ नेपाल में हैं। यहां बहुत हवाई हादसे होते हैं।
गौरतलब है कि 2016 में ‘तारा एअर’ का एक अन्य विमान उड़ान भरने के बाद इसी मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, मार्च 2018 में यूएस-बांग्ला एअर का विमान त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे उसमें सवार 51 लोगों की जान चली गई थी। सितंबर 2012 में विमानन कंपनी ‘सीता एअर’ का एक विमान त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आपात स्थिति में उतरते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 19 लोग मारे गए थे।
‘तारा एअर’ नेपाल के पहाड़ी इलाकों में विमान सेवा मुहैया कराने वाली सबसे नयी और बड़ी विमानन कंपनी है। कंपनी की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है। इसने ग्रामीण नेपाल में हवाई सेवाएं मुहैया कराने के मकसद से 2009 में संचालन शुरू किया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button