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देशमुख को लगेगा एक और झटका: ईडी ने उनके बेटे को किया तलब, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में होगी पूछताछ

मुंबई। अवैध वसूली कांड (illegal recovery scandal) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में लिए गए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) को एक और झटका लगने वाला है। उनकी गिरफ्तारी (arrest) के बाद आज देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख (Hrishikesh Deshmukh) को भी ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि अवैध धन वसूली से जुड़े मुद्दों पर इडी उनसे पूछताछ कर सकती है। बता दें कि इससे पहले इडी इसी मामले में अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर चुकी है, जो अभी कोर्ट के आदेश पर कल ईडी की हिरासत में हैं।

इससे पहले पूर्व मंत्री ईडी द्वारा कई समन भेजने के बाद भी जांच एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रहे थे। बीते सप्ताह बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने इन समन को खारिज करने से इनकार कर दिया था, तब देशमुख को सोमवार को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना पड़ा था। इस दौरान करीब 12 घंटे तक सवाल-जवाब करने के बाद ईडी ने देशमुख को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मंगलवार को एक विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 6 नवंबर तक ईडी की रिमांड पर सौंप दिया गया था।

बता दें कि हृषिकेश देशमुख को पहले भी एजेंसी ने दो बार तलब किया था। लेकिन अपने पिता की तर वह भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने में विफल रहे थे। हृषिकेश के पिता अनिल देशमुख को ईडी ने सोमवार को 12 घंटे तक पूछताछ के बाद इस आधार पर गिरफ्तार किया था कि वह टालमटोल कर रहे थे और एजेंसी के प्रश्नों का जवाब नहीं दे रहे थे। यह पहली बार था जब पूर्व गृह मंत्री ईडी के अधिकारियों के सामने पेश हुए। ईडी इससे पहले देशमुख को चार समन भेज चुकी थी।





यह हैं आरोप
ईडी के अनुसार, बर्खास्त किए गए सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे ने कथित तौर पर मुंबई में आॅर्केस्ट्रा बार मालिकों से ‘बारों के सुचारू संचालन’ के लिए 4.7 करोड़ रुपये वसूले और यह पैसा देशमुख के निजी सहायक संजीव पलांडे को दिया, जिन्होंने बाद में नागपुर में किसी को पैसे सौंप दिए। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि हवाला चैनलों के जरिए यह पैसा फर्जी कंपनियों का संचालन करने वाले दिल्ली के सुरेंद्र कुमार जैन और वीरेंद्र जैन को भेजा गया था। जैन बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने इस पैसे को नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान को दान के रूप में दिया, जो देशमुख परिवार द्वारा नियंत्रित एक ट्रस्ट है।

मनी लॉन्ड्रिंग सीधे शामिल हैं देशमुख
ईडी ने कोर्ट से कहा कि देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में सीधे शामिल हैं। उन्हें इस अपराध से सीधा लाभ हुआ है। 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप से जुड़े मामलों में राकांपा नेता महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इसमें विदेशी एंगल की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों के बाद ईडी ने केस दर्ज किया था।

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