दमोह में सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण होते-होते रुका, जमीन है असली वजह
दमोह के अनुराग हजारी ने एक जनहित याचिका में बताया कि गांव की 0.80 हेक्टेयर भूमि पार्क निर्माण के लिए आवंटित की गई थी। इसी पार्क में मूर्ति भी लगाया जाना है। लेकिन ग्राम पंचायत ने यह जमीन एक ट्रस्ट के नाम कर दी है।
दमोह। दमोह जिले के हिरदेपुर गांव में सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति अनावरण का मामला खटाई में पड़ गया है। दअरसल जबलपुर हाईकोर्ट ने फिलहाल मूर्ति अनावरण पर भी रोक लगा दी है और सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया है। इसकी बड़ी वजह सार्वजनिक भूमि पर सरदार पटेल की मूर्ति पर लगाना है। बता दें इस सिलसिले में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें बताया गया कि पार्क के लिए आवंटित भूमि एक ट्रस्ट के नाम कर दी गई , जिस पर अवैधानिक तरीके से मार्केट का निर्माण किया जा रहा है।
इस याचिका पर ही जबलपुर हाईकोर्ट ने मूर्ति अनावरण पर रोक लगा दी है। सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए है। बताया यह भी जा रहा है कि मूर्ति का अनावरण करने के लिए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस और केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल पहुंचे भी गए थे। लेकिन मप्र हाईकोर्ट में दायर याचिका पर हुए आदेश के बाद अनावरण कार्यक्रम रुक गया। साथ ही अदालत ने राज्य सरकार, ग्राम पंचायत, संबंधित ट्रस्ट और अन्य को नोटिस जारी कर सभी से चार सप्ताह में जबाब माँगा गया है। मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को निर्धारित की गई है।
ट्रस्ट के नाम कर दी गई है जमीन
दरअसल दमोह के अनुराग हजारी ने एक जनहित याचिका में बताया कि गांव की 0.80 हेक्टेयर भूमि पार्क निर्माण के लिए आवंटित की गई थी। इसी पार्क में मूर्ति भी लगाया जाना है। लेकिन ग्राम पंचायत ने यह जमीन एक ट्रस्ट के नाम कर दी है। निजी ट्रस्ट उक्त जमीन पर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए कई दुकानों का भी निर्माण करा रहा है, जो अवैधानिक हैं। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश रविविजय कुमार और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने मूर्ति के अनावरण पर रोक लगा दी है।