ताज़ा ख़बर

भारत में कोरोना संकट: दुनिया के तेल निर्यातकों पर पड़ेगा असर, दामों में आ रही गिरावट

नई दिल्ली। भारत (India) में संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों से स्वास्थ्य व्यवस्था (Health system) चरमरा गई है। अस्पतालों में मरीजों को आॅक्सीजन, बेड और दवाईयों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार (Funeral) के लिए लंबी लाइनें लगी हुई हैं। भारत की चरमराती स्थिति को देखते हुए ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका सहित दुनिया के कई देश भारत की मदद में सामने आए हैं। वहीं, इसका असर दुनिया के तेल निर्यातकों पर भी पड़ता नजर आ रहा है। भारत में कोरोना संकट (Corona crisis) का असर ईंधन के कीमतों पर भी देखने को मिलने लगा है। तेल की कीमतों में सोमवार को 1 डॉलर की गिरावट देखने को मिली क्योंकि ईंधन निर्यातकों (Fuel exporters) को डर है कि कोरोना संकट दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश भारत में ईंधन की मांग को कम कर देगा। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि तेल निर्यातक देशों के समूह OPEC+ की तरफ से सप्लाई बढ़ने से भी दाम में गिरावट आने वाली है।

रॉयटर्स के मुताबिक, देशों में सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में 1.4 फीसदी गिरावट के साथ 65.22 डॉलर प्रति बैलर दर्ज की गई। वहीं यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियट  (US West Texas Intermediate) के कच्चे तेल में 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसकी कीमत 61.27 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। दोनों बेंचमार्क में पिछले हफ्ते लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।कॉमर्जबैंक विश्लेषक यूजेन वेनबर्ग (Eugen Weinberg) ने बताया कि मौजूदा बाजार की नजर भारत और जापान की बुरी खबरों पर अधिक है, जहां नए कोरोना वायरस मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते इन देशों में आवाजाही पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। भारत और जापान दुनिया के क्रमश: तीसरे और चौथे सबसे बड़े तेल आयातक देश हैं।





विश्लेषकों का मानना है कि भारत में कोरोना संकट के चलते तेल की मांग में कमी आ रही है। कंसल्टेंसी एफजीई (Consultancy FGE) का मानना है कि भारत में अप्रैल में पेट्रोल की मांग में प्रति दिन 100,000 बैरल (बीपीडी) की कमी आने की उम्मीद है। वहीं मई में यह मांग घटकर 170,000 बैरल से ज्यादा हो सकती है। मार्च में भारत की कुल पेट्रोल बिक्री लगभग 747,000 बैरल हो गई थी। कंसल्टेंसी एफजीई का मानना है कि भारत में डीजल की मांग भी घटनी है। भारत में अप्रैल में डीजल की मांग घटकर 220,000 बैरल तक पहुंच सकती है। वहीं मई में यह आंकड़ा 400,000 बैरल तक जा सकता है।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button