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पंडोखर सरकार बोले-जो दरबार में आएगा, उसे बता दिया जाएगा सरकार किसकी बन रही है

इंदौर के लिए 10 हजार पर्चे लिखकर लाया हूं। नाम, मोबाइल, पेन कार्ड नंबर सब है

इंदौर। पंडोखर सरकार उर्फ पं. गुरुशरण शर्मा इंदौर में 9 से 11 जून तक तीन दिनी दरबार लगाएंगे। इसके लिए वे गुरुवार को यहाँ पहुंचे और मीडिया से बात की। उन्होंने कहा-जो दरबार में आएगा उसका सार्वजनिक पर्चा बना दिया जाएगा। पता लग जाएगा कि सरकार किसकी बन रही है। इंदौर के लिए 10 हजार पर्चे लिखकर लाया हूं। जो आने वाले हैं, उनका नाम, मोबाइल, नंबर, पेन कार्ड नंबर सब कुछ लिखा है उसमें। इसके लिए सात दिन तक सोया नहीं हूं।
उन्होंने कहा हमारा तीन दिन का दरबार इंदौर में है। हमें कसौटी पर चढ़ाओ और जैसा हमें चढ़ाओ वैसा ही दूसरों को भी चढ़ाओ। रोज की घटना पूछिए और सत्य निकले तो स्थापना करा दीजिए। हम सभी यंत्रों का सामना करने को तैयार हूं। जहां कैमरे लगाना है वहां लगा लो। इंदौर आने से पहले मैं 7 दिन से सोया नहीं हूं। मैं यहां के लिए एडवांस में 10 हजार पर्चे लिखकर लाया हूं। जो आने वाले हैं, उनका नाम, मोबाइल, नंबर, पेन कार्ड नंबर सब कुछ। ये कहां से लिखा, किसने लिखवाया। किसने जानकारी दी। एक दरबार में 5-10 पर्ची बनती है। करोड़ों रुपया खर्चा होता है, क्या है ये। आज 500 लोग पर्चे लिख रहे हैं। बैंगन बेचने वाला भी पर्चा लिख रहा है। पर्चे बनाने वालों की क्लिप दिखा दो एक से दूसरा मिनट नहीं लूंगा बता दूंगा कि ये कैसे पर्चे बना रहे हैं। 24 घंटे में पर्चा लिखने वालों का पता नहीं पड़ेगा कि कहां चले गए हैं। इन्होंने साधना नहीं की है। ओरा बनाकर खेल-खेल में लोगों को चमत्कृत कर रहे हैं।

चुनाव का जो पूछेगा बता देंगे क्या होने वाला है

मध्यप्रदेश का चुनाव हो, चाहे राजस्थान का हो। चुनाव की हमारे यहां एक व्यवस्था है। जो पूछने आएगा, उसको बता दिया जाएगा कि स्थिति क्या है। क्या करना चाहिए। मैं तो ये मानता हूं, तराजू का काम है तोलना। जिसका पलड़ा भारी होगा ये बता देंगे। जो दरबार में आएगा उसका सार्वजनिक पर्चा बना दिया जाएगा। पता लग जाएगा कि सरकार किसकी बन रही है। उसके लिए आना तो पड़ेगा।

राहुल पूछेंगे तो बता देंगे उनका भविष्य

पंडोखर सरकार ने राहुल गांधी के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा-वो दरबार में आकर पूछेंगे तो उनका भविष्य भी बता देंगे। बिना पूछे बताना ठीक नहीं। उड़ीसा में हुई बड़ी रेल दुर्घटना के बारे में क्या वे पहले से बता सकते थे, इसके जवाब में उन्होंने कहा- जो प्रकृति का नियम है। इसके विधान को मिटाया नहीं जा सकता लेकिन बताया जा सकता है। सतर्क किया जा सकता है। सावधानी बरती जा सकती है।

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