अक्षय तृतीया के मौके पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। इस दौरान आर्मी बैंड की धुन संग हर-हर गंगे के जयघोष से देवभूमि गूंज उठी। गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट विधिवत हवन, पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चरण एवं धार्मिक रीति-रिवाज साथ खोले गए। गंगोत्री के कपाट 12:35 मिनट पर जबकि यमुनोत्री के कपाट 12:41 मिनट पर खुले। इसके साथ ही मां गंगा की भोगमूर्ति और छड़ी गंगोत्री धाम में विराजमान हुई। गंगोत्री के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई थी। इसके तहत शुक्रवार को मुखबा से मां गंगा की डोली आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। शुक्रवार को चारधाम यात्रा औपचारिक रूप से शुरू हुई, जबकि यात्रा का विधिवत आगाज शनिवार दोपहर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ।
यात्रियों की सीमा का फैसला वापस
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य रहेगा। इसके लिए आनलाइन के साथ ही आफलाइन का विकल्प भी रखा गया है। 21 फरवरी से आनलाइन पंजीकरण खोले गए हैं। अब तक 16 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। इसके साथ ही धामी सरकार ने जो चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी थी। उस आदेश को वापस ले लिया है। बदरीनाथ में प्रतिदिन 18000, केदारनाथ में 15000, गंगोत्री में 9500 व यमुनोत्री में 5500 प्रतिदिन की संख्या तय की गई थी। कुछ समय पहले तीर्थ पुरोहितों और चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस सीमा को हटाने का आग्रह किया था। इसके बाद अब प्रदेश की धामी सरकार ने चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यात्राकाल में यात्रियों के पंजीकरण के लिए आनलाइन व आफलाइन व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भीड़ नियंत्रण के लिए स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी।