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कांग्रेस: अगर ऐसा हुआ तो अध्यक्ष के लिए चुनाव होना तय, इन दो के बीच हो सकता है मुकाबला

नई दिल्ली। कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जो 30 सितंबर तक चलेगी। इसको लेकर अब पार्टी के गहमागहमी तेज हो गई है। हालांकि अब धीरे-धीरे उम्मीदवारों को लेकर स्थिति कुछ साफ होती नजर आने लगी हैं, लेकिन राहुल गांधी को लेकर अब स्थिति साफ नहीं हो पाई है, अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरेंगे या नहीं। पर जी-23 में शामिल शशि थरूर की उम्मीदवारी पर हो रही अटकलबाजी अब कुछ-कुछ सच होती नजर आने लगी हैं। अगर ऐसा होता है, तो उनका मुकाबला अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हो सकता है। इतना ही नहीं अगर थरूर ने नामांकन भरा तो चुनाव होना भी तय भी हो जाएगा।

थरूर कई बार ऐसे संकेत दे चुके हैं कि वह कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते हैं। भले ही उन्होंने साफतौर पर कभी कुछ ना कहा हो, लेकिन उनकी बातों से कई बार उनकी यह इच्छा झलक चुकी है। शशि थरूर के चुनाव लड़ने की अटकलें इसलिए और तेज हो गई हैं कि उन्होंने की हल सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों ने यह भी बताया कि सोनिया से मुलाकात के दौरान उन्होंने अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। पर सोनिया की तरफ से कहा गया है कि वह किसी उम्मीदवार का विशेष समर्थन नहीं करेंगी।





कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया, तो फिर चुनाव होना तय है। पार्टी के एक खेमे के मुताबिक, कांग्रेस प्रेसिडेंट के इलेक्शन के लिए अगर गांधी परिवार से कोई नामांकन दाखिल नहीं करता है और थरूर करते हैं, तो पार्टी के अधिकतर नेता उनके खिलाफ उम्मीदवार जरूर देंगे। खास बात है कि तिरुवनंतपुरम सांसद अध्यक्ष पद के चुनाव में पारदर्शिता को लेकर भी मुखर रहे हैं।

अशोक गहलोत से होगा मुकाबला?

अटकलें लगाई जा रही थीं कि अगर राहुल चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो सीएम गहलोत कांग्रेस प्रमुख के चुनाव में उतर सकते हैं। हालांकि, वह भी लगातार राहुल के ही कमान संभालने की बात का समर्थन कर रहे हैं और शनिवार को ही राजस्थान कांग्रेस ने इस संबंध में प्रस्ताव पास किए। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि वह राज्य की राजनीति छोड़ना नहीं चाहते, लेकिन कई बार वह राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की कमान संभालने के भी संकेत दे चुके हैं।





जो भी चुनाव लड़ना चाहता है, उसका स्वागत है: जयराम

एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘जो भी चुनाव लड़ना चाहता है वह इसके लिए स्वतंत्र है और उसका स्वागत है। यही कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी का सतत रुख रहा है। यह एक खुली, लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है। किसी को चुनाव लड़ने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है।’ थरूर ने सोमवार को उस आॅनलाइन याचिका की पैरवी की जिसमें ‘पार्टी के युवा सदस्यों ने सुधारों की मांग की और कहा है कि अध्यक्ष पद के हर उम्मीदवार को यह संकल्प लेना चाहिए कि निर्वाचित होने पर वह ‘उदयपुर नवसंकल्प’ को पूरी तरह लागू करेगा।’

 

राहुल की एंट्री से बदल सकती है कहानी

फिलहाल, वायनाड सांसद के अलावा थरूर और गहलोत का नाम ही सामने आया है। अब ऐसे में अगर राहुल की एंट्री होती है, तो कहानी बदल सकती है, क्योंकि करीब 7 राज्यों की कांग्रेस इकाई ने उन्हें प्रमुख बनाने की बात का समर्थन किया है। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर का नाम शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश यूनिट भी प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है। अब अगर खुद राहुल भी चुनाव में उतरने का ऐलान करते हैं, तो संभावनाएं हैं कि गहलोत कदम पीछे ले सकते हैं। ऐसे में चुनाव सीधा राहुल बनाम थरूर भी हो सकता है।

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