बजट सत्र में 12 सांसदों ने किया था विशेषाधिकार हनन, राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने लगाया आरोप
राज्यसभा में केंद्रीय बजट सत्र के दौरान 12 सांसदों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगा है। ये आरोप राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने लगाया है।
ताजा खबर : राज्यसभा में केंद्रीय बजट सत्र के दौरान 12 सांसदों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगा है। ये आरोप राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने लगाया है। उन्होंने इन सभी सांसदों के नाम राज्यसभा समिति को भेज दिए है। ताकि जल्द से जल्द इस मामले में एक्शन लिया जाए और एक रिपोर्ट भी सौंपी जाए। दरअसल, बजट सत्र के दौरान कांग्रेस और आप के 12 सांसदों पर बार-बार हंगामा करने, नारेबाजी करने, कार्यवाही को बाधित करने के आरोप लगे हैं। इसमें नौ सांसद कांग्रेस और तीन आम आदमी पार्टी के शामिल हैं। दरअसल, इस महीने की शुरुआत में समाप्त हुए बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण राज्यसभा को बार-बार स्थगित किया गया था।
Rajya Sabha Chairman Dhankar presses for breach of privilege notice against 12 opposition MPs
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— ANI Digital (@ani_digital) February 21, 2023
इन सांसदों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप
कांग्रेस- सांसद शक्तिसिंह गोहिल, नारनभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमंथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशम और रंजीत रंजन हैं।
आप- सांसद संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक हैं।
क्या है विशेषाधिकार हनन?
एक रिपोर्ट के अनुसार 18 फरवरी के बुलेटिन में राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि सभापति ने घोर अव्यवस्थित आचरण से उत्पन्न होने वाले विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के एक प्रश्न का उल्लेख किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि बार-बार सदन के वेल में घुसने, बार-बार नारे लगाकर जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने, सभापति को सदन की बैठकों को बार-बार स्थगित करने के लिए मजबूर करने का आरोप है। इसी तरह के व्यवहार को विशेषाधिकार हनन कहा जाता है। वह काम जो सदन के, उसकी समितियों के या उसके सदस्यों के काम में किसी प्रकार की बाधा डाले।
राहुल गांधी पर भी लगा था विशेषाधिकार हनन का आरोप
बजट सत्र के दौरान लोकसभा में भी ऐसा मामला सामने आया था। जब अडानी-हिंडनबर्ग के मुद्दे पर राहुल गांधी के भाषण पर आपत्ति जताई गई थी। इसे लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी और उनके भाषण को संसद के रिकॉर्ड से हटाने की मांग की गई थी।