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प्रदेश के अकेले रजिस्टार को भी उच्च शिक्षा ने किया भोपाल से बाहर, पांच को छोड़ सारे डीआर को बिना प्रमोशन बनाया रजिस्टार, प्रोफेसरों से छीनी अफसरी

प्रदेश के 11 डीआर को मिली यूनिवर्सिटीज की कमान, 7 प्रोफेसर सालों से बने बैठे थे अफसर, अब प्रभारियों के भरोसे कामकाज

BHOPAL.  सालों से क्लास और चॉक छोड़कर अफसरी कर रहे कालेजों के प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों को उच्च शिक्षा विभाग ने उनके मूल काम में लौटा दिया है। सारे घर के बदल डालूंगा की तर्ज पर किए तबादलों में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश में बचे एक मात्र रजिस्टार को राजधानी से हटा दिया है। वहीं केवल पांच को छोड़कर सरकार ने चुन-चुनकर प्रदेश के सारे डिप्टी रजिस्टार्स को विश्वविद्यालयों को प्रभारी बना दिया है। इसके चलते प्रदेश की 11 यूनिवर्सिटीज में प्रभारी रजिस्टार तैनात कर दिए गए हैं।

उच्च शिक्षा विभाग ने बुधवार को आदेश जारी कर थोक बंद तबादले कर डाले हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होना है। इससे अब प्रभारी रजिस्टार बनाए गए अधिकांश डिप्टी रजिस्टार मन मसोजकर बैठ गए हैं। दुखी होने की सबसे बड़ी वजह है सभी को दूर-दूर भेजना और मन माफिक यूनिवसिर्टी न मिलना। इनमें से कई तो ऐसे भी जिनका बमुकिश्कल डेढ़-दो साल पहले ही तबादला किया गया था। न तो प्रभारी बनाने में न्यूनतम तीन वर्ष का नियम देखा गया और न वरिष्ठता का ही ध्यान रखा गया है। जूनियर को प्रभारी रजिस्टार बना दिया गया है तो सीनियर डीआर अभी भी अपने मूल पद पर ही काम करेंगे। सारे तबादले प्रशासकीय आधार पर किए गए हैं। इससे अब कोई भी अधिकारी चाह कर भी हाथ-पैर नहीं मार पा रहे हैं। इस प्रभारी व्यवस्था के बाद अब केवल पांच डिप्टी रजिस्टार बचे हैं,शेष सभी कहीं न कहीं रजिस्टार का प्रभार संभालेंगे। जो पांच ​डीआर इस व्यवस्था से बचने में कामयाब हो गए हैं, उनमें से तीन पहले से ही विश्वविद्यालयों से दूर निजी विवि आयोग और फीस कमेटी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में अब प्रदेश के सारे विश्वविद्यालयों को ढांचा बिगड़ गया है और सहायक कुलसचिवों के भरोसे ही विश्वविद्यालयों का कामकाज चलेगा।

प्रदेश में हैं केवल एक रजिस्टार
प्रदेश में विश्वविद्यालय सेवा के सबसे बड़ा पर रजिस्टार का होता है, लेकिन प्रदेश में प्रमोशन न होने से हालत इतने खराब हो गए हैं कि अब केवल एक फुल फ्लेश रजिस्टार बचे हैं। मगर प्रदेश के एक मात्र रजिस्टार एलएस सोलंकी को भी सरकार ने अपने इस आदेश में नहीं छोड़ा है। सोलंकी को भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल से हटाकर डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू का रजिस्टार बना दिया गया है।

7 प्रोफेसरों को भेजा कालेज
सालों से प्रदेश के सात विश्ववविद्यालयों में प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर रजिस्टार का प्रभार संभाल रहे थे। राज्य सरकार ने इन सातों की प्रतिनियुक्ति और अतिरिक्त प्रभार खत्म कर दोबारा कालेज भेज दिया है। नियमानुसार प्रोफेसरों को यूनिवर्सिटी में परीक्षा पंजीयक बनाया जा सकता है। मगर ये सभी अपने संबंधों के कारण तमाम विरोधों के बाद भी रजिस्टार बने हुए थे और डिप्टी रजिस्टार का हर मार रहे हैं।

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