भोपालमध्यप्रदेश

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया, इस मुहूर्त में पूजा करने से मिलेगा विशेष लाभ

भोपाल – सावन के पवित्र महीने में पार्थिव शिवलिंग निर्माण का बहुत फलदायी महत्व होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा के लिए सड़कों पर कावंड़ियों के जत्थे पवित्र जल लेकर अपने गंतव्य तक बढ़ रहे हैं। कई स्थानों में शिव महापुराण कथा का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में शिवभक्त शामिल हो रहे हैं। इस कड़ी में सीहोर में दूसरे साल सावन माह में भगवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा 7 दिवसीय शिव महापुराण का आयोजन किया जा रहा है। शिव महापुराण की कथा के दौरान अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने जनता से आह्वान किया कि विश्वभर में घर-घर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण होगा।

 

शुभ मुहूर्त भी बताया पंडित प्रदीप मिश्रा ने

भक्तों को महाशिव पुराण की कथा सुनाते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि रात सात बजे से अत्यंत शुभ मुहूर्त में घरों में पार्थिव शिवलिंग बनाकर उनका रुद्राभिषेक करने से काफी फायदे होंगे। इसके साथ ही कथावाचक ने बताया कि उनके द्वारा बताए गए शुभ मुहूर्त में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करने से घर में सुख शांति के साथ वैभव बना रहेगा। माता पार्वती और मां गंगा दोनों ही भगवान शिव के चरण छू रही है। जिससे इस साल सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व है। सामूहिक पूजा को फलदायी बताते हुए कथावाचक ने कहा कि जब सामूहिक रूप से पार्थिव शिवलिंग की पूजन अर्चन किया जाता है तो उसका तत्काल फल मिलता है। कोविड के दौरान आस्था के साथ भव्य आयोजन किया गया था, तब केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी श्रद्धालुओं के द्वारा करोड़ों पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण कर पूजन किया गया था। इस बार और अधिक उत्साह दिखाई दे रहा है।

 

 

 


विशेष रुप से फलदायी है महाशिवरात्रि

सीहोर के चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में शिव महापुराण के आयोजन पर कथावाचक पंडित मिश्रा ने कहा कि सावन माह में शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का बड़ा महत्व होता है। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस दिन मध्य रात्रि को भगवान शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे। कथावाचक ने बताया कि इसी समय ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पहली बार शिवलिंग का पूजन किया गया था।

 


एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रि

इसके साथ ही कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि हर साल एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं। मासिक शिवरात्रि हर माह में एक बार आती है और कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि पर भगवान शिवशंकर की पूजा अर्जना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्री, पार्वती और रति ने शिवरात्रि का व्रत किया था और शिव कृपा से अनंत फल प्राप्त किए थे।

 

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