नड्डा की नसीहत कर गई असर, अब संतोष तौलेंगे प्रदेश भाजपा के दिग्गजों का समन्वय, तैयारियां हुईं तेज
7 अप्रैल को होगी भाजपा कोर ग्रुप की अगली बैठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी थी डेड लाइन, लगाई थी फटकार
BHOPAL. चुनावी साल में भी कोर ग्रुप की बैठकें डेढ़ से दो महीने में होने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पिलाई गई घुट्टी प्रदेश भाजपा में असर कर गई है। आपसी तालमेल की कमी पर नड्डा द्वारा दी गई नसीहत और डेड लाइन का पालन करने में प्रदेश भाजपा जुट गई है। साथ ही सभी दिग्गजों को एक बार फिर एकजुट करने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। दो दिन बाद पार्टी के सभी दिग्गज राजधानी में बैठकर चुनावी ब्लू प्रिंट पर चर्चा करेंगे। हालांकि इन दिग्गजों के बीच समन्वय संतोषजनक है कि नहीं, यह तौलने के लिए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी भोपाल पहुंच रहे हैं।
मध्यप्रदेश बीजेपी की उच्च स्तरीय कोर कमेटी की बैठक महज पंद्रह दिन के अंतराल में दूसरी बार होने जा रही है। यह बैठक 7 अप्रैल को प्रदेश कार्यालय में होने जा रही है। खास बात यह है कि कोर कमेटी की इस बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी भोपाल आ रहे हैं। संतोष की मौजूदगी से इस कोर कमेटी की बैठक का महत्व कई गुना बढ़ गया है। एक पखवाड़े पहले तक कोर कमेटी की बैठक प्रदेश में औपचारिकता तक सीमित हो गई थी। अब महज पंद्रह दिन बाद, वह भी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की मौजूदगी में इसके होने से इसका महत्व समझा जा सकता है। असल में यह राष्ट्रीय अध्यक्ष की फटकार का असर है। पिछले माह 26 मार्च को भोपाल प्रवास के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोर कमेटी की बैठक ली थी। इसमें उन्होंने डेढ़-दो महीने में इसकी बैठक होने पर जमकर नाराजगी जताई थी। साथ ही कोर कमेटी की बैठक के लिए हर 15 दिन की डेड लाइन दी थी। नड्डा ने साफ कहा था कि यह कोई एडवाइजरी कमेटी नहीं है। केंद्र व राज्य सरकार तथा संगठन के फैसलों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी इस कमेटी पर है। इसकी बैठक हर 15 दिन में होना चाहिए। आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए। हर 15 दिन में बैठक करें और अगली बैठक की तिथि भी उसी दिन तय हो जाए।
नड्डा ने ये भी दिए थे निर्देश
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश के दिग्गजों को जमकर फटकार लगाते हुए कहा था कि उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी दिल्ली भेजी जाए। करीब ढाई घंटे चली इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा हमारी योजनाओं की डिलीवरी जनता के बीच दिखना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि अबकी बार 200 पार के नारे को हकीकत में बदलना होगा। उन्होंने प्रदेश के नेताओं और केंद्रीय मंत्री को लगातार दौरे करने के निर्देश दिए थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एंटी इनकम्बेंसी वाले क्षेत्रों में विशेष प्रवास कर उसे प्रो इनकम्बेंसी में बदलने का मंत्र दिया था।
अब संतोष बढ़ाएंगे समन्वय
राष्ट्रीय अध्यक्ष की डेड लाइन में हो रही इस बैठक में सबकी नजरें अब राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष पर टिक गई हैं। पार्टी मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में गुजरात पैटर्न लागू करने पर विचार कर रही है। नड्डा भी इसके संकेत दे गए थे। अब राष्ट्रीय संगठन महामंत्री प्रदेश के दिग्गजों को क्या मंत्र देते हैं और इस पैटर्न को क्या मोड़ देते हैं, इस पर सभी की नजर है। बैठक की तैयारियों के बीच चुनाव को लेकर तय होने वाले क्राइटेरिया को लेकर भी कयास लगाए जाने लगे हैं।
वरिष्ठों की नाराजगी सबसे बड़ी चुनौती
राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी में प्रदेश कार्यालय के नए भवन के शिलान्यास कार्यक्रम से लेकर सभी बैठकों में पार्टी के बुजुर्ग नेताओं की नाराजगी सामने आई थी। इसकी वजह है उन्हें तवज्जो न दिया जाना। लगभग यही स्थिति कई वरिष्ठ नेताओं की भी थी। कोर कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी तालमेल बनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही तंत्र से ज्यादा कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने की बात कही थी। मगर आज भी वरिष्ठ और पुराने नेताओं की नाराजगी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है। कोर कमेटी की बैठक में इस संबंध में दिशा निर्देश दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।