MP में सक्रिय मानसून: मूसलाधार बारिश से कई जिलों के बिगड़े हालात, स्थिति से निपटने CM ने आधी रात को ही बुलाई बैठक
भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। बीते कई दिनों से सूबे के कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है। जिसकी वजह से जहां नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, वहीं निचली बस्तियां जल मग्न हो गई है। लगातार हो रही भारी बारिश से सबसे ज्यादा स्थिति खराब मामवा-निमाड़ की गई है। यहां की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अलर्ट हो गए हैं। इतना नहीं उन्होंने शनिवार की देर रात एक बजे ही अधिकारियों को बुलाकर स्थिति की समीक्षा की। सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
सीएम ने वीसी के माध्यम से बुरहानपुर, अलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, इंदौर जिलों के कलेक्टर और कमिश्नर से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने जिला कलेक्टरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए है। सीएम शिवराज ने कहा कि आवश्यक हुआ तो सेना और एयरफोर्स की मदद ली जाएगी, वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम जिलों में सक्रिय है। नागरिकों को कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी।
सीएम को यह दी गई जानकारी
मुख्यमंत्री को संबंधित जिलों के कलेक्टर्स ने बताया प्रभावित जिलों में प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम जिलों में सक्रिय है। इंदौर, खण्डवा, खरगोन, बड़वानी एवं बुरहानपुर जिला जिलों में भारी बारिश से जल भराव की परिस्थितियों से निपटने के लिए स्टेट डिसास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स द्वारा 89 बचाव कार्य संचालित कर 8718 नागरिकों और 2637 पशुधन बचाकर कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत बचाव कार्य के लिए कुल 610 जवान और होमगार्ड के 801 जवानों की तैनाती की गई है।
कलेक्टर्स ने अपदलों को क्षेत्रों का सौंपा दायित्व
संबंधित कलेक्टर्स ने आपदा दलों को प्रभावित क्षेत्रों में दायित्व सौंपा है। जहां जल भराव की स्थिति देखी जा रही वहां नागरिकों को ऊंचाई वाले स्थान पर ठहराया गया है। जिलों में अति वर्षा प्रभावित लोगों के भोजन और रहने की समुचित व्यवस्था की गई है। अब स्थितियां तेजी से सामान्य हो रही हैं। इक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़कर जनहानि या अधिक पशु हानि नहीं हुई है। सीएम ने अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा, अशोक वर्णवाल और संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर किए गए प्रबंधन की जानकारी प्राप्त की।
बांधों एवं नदियों की स्थिति
बुरहानपुर में ताप्ती नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। नर्मदा नदी खरगौन (मोरट्टका) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है एवं नर्मदापुरम (सेठानी घाट) में खतरे केनिशान के पास बह रही है। जबलपुर (बरगी डैम) के 13 गेट, खण्डवा (इंदिरा सागर डैम) के 12 गेट, (ओंकारेश्वर डैम) के 23 गेट, नर्मदापुरम (तवा डैम) के 05 गेट, टीकमगढ (बानसुजारा डैम) के 08 गेट, अशोकनगर (राजघाट डैम) के 08 गेट, सिवनी (संजय सरोवर डैम) के 03 गेट, बैतूल (पारसडोह) के 03 गेट खोले गये है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार 2482 मकान आंशिक तथा 78 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुये है।