MP विधानसभा: जोरदार हंगामे से शुरू हुआ मानसून सत्र, सदन में गूंजा महाकाल-सतपुड़ा और सीधी कांड का मुद्दा
हंगामे की शुरुआत वंदे मातरम गायन से पहले हुए हंगामे पर तीखी नोकझोंक के साथ हुई। इस हंगामे को लेकर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेसी विधायकों ने वंदे मातरम गीत का अपमान किया है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि वंदे मातरम गीत सत्र के शुरू में होता है।
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के आखिरी मानसून सत्र की कार्यवाही मंगलवार से शुरू हो गई है, जो 15 जुलाई तक चलेगी। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। पूर्व विधानसभा सदस्य मधुकर हर्णे, पूर्व विधायक रमेश शर्मा गुड्डू भैया, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच, इंदौर के बालेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी में हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही का आगाज हंगामे के साथ हुआ।
हंगामे की शुरुआत वंदे मातरम गायन से पहले हुए हंगामे पर तीखी नोकझोंक के साथ हुई। इस हंगामे को लेकर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेसी विधायकों ने वंदे मातरम गीत का अपमान किया है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि वंदे मातरम गीत सत्र के शुरू में होता है। कांग्रेस ने गीत से पहले जो हंगामा किया, वह दुखद है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही सत्र की शुरूआत में वंदे मातरम गीत गाया जा रहा था, कांग्रेस ने महंगाई, आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार, सतपुड़ा अग्निकांड, भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरा और नारेबाजी की।
सदन में ऐसे पहुंची रैगांव विधायक
इतना ही नहीं सतना जिले के रैगांव से कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा टमाटर और मिर्च से बनी माला पहनकर सदन पहुंचीं। उन्होंने कहा कि हर तरफ बहनें परेशान हो रही हैं। मैं सरकार की योजना का विरोध करती हूं। टमाटर और सब्जियों के बढ़ते दामों से जनता परेशान है। ऐसी योजनाओं का कोई फायदा नहीं है। उनके इस आरोप पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि टमाटर या साब्जियां मप्र भर में थोडे ही महंगी हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आपकी सरकार है। क्या यहां जनता को सब कुछ फ्री में मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ये सब मौसमी सब्जियां हैं। टमाटर का उत्पादन बारिश से प्रभावित होता है। यह मौसमी महंगाई है।
विपक्ष के आरोपों पर यह बोले नरोत्तम
वहीं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने सदन में तीन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि आदिवासी के ऊपर पेशाब करना, महाकाल मामले में भ्रष्टाचार कर सनातन धर्म के लोगों को ठेस पहुंचाना और तीसरा सतपुड़ा भवन में आग, हम इन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। वहीं कमलनाथ ने कहा कि कौन-सा मुद्दा नहीं है जिससे आज जनता पीड़ित नहीं है? आदिवासी का अत्याचार हो, महाकाल घोटाला हो, बेरोजगारी हो… 18 दफे (सतपुड़ा भवन में) आग लग गई, कौन-सा मुद्दा नहीं है? इन सब मुद्दों को सदन में उठाएंगे। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम ने नाथ को रोकते हुए कहा कि सदन में प्राकृतिक आपदाओं पर चर्चा करें। भाजपा की सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वह हम बताएंगे। सीधी वाले मामले की बात कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद पीड़ित के चरण पखार चुके हैं। इसी बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस हुआ. हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनिट के लिए फिर स्थगित कर दी गई।