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राष्ट्रीय जल पुरस्कार से नवाजा गया मप्र को, उपराष्ट्रपति ने मंत्री सिलावट को दिया सम्मान

सीएम शिवराज ने कहा कि- यह सम्मान प्रत्येक प्रदेशवासी के लिए गर्व का विषय है। ऐसे प्रयासों से न केवल हमारी धरती बचेगी, बल्कि इस धरा पर जीवन भी समृद्ध होगा। वहीं जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि और किसानों के लिए ऐतिहासिक काम हुए हैं।

भोपाल। जल संसाधन के संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी का पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार मध्यप्रदेश को मिला है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को मप्र के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्र को यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में 11 विभिन्न श्रेणी में 41 विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी मौजूद थे। मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय जल पुरस्कार- 2022 मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को बधाई दी हैं।

सीएम शिवराज ने कहा कि- यह सम्मान प्रत्येक प्रदेशवासी के लिए गर्व का विषय है। ऐसे प्रयासों से न केवल हमारी धरती बचेगी, बल्कि इस धरा पर जीवन भी समृद्ध होगा। वहीं जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि और किसानों के लिए ऐतिहासिक काम हुए हैं। विगत 18 वर्ष में प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ कर 45 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसे वर्ष 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर किये जाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जल प्रबंधन के हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने उत्कृष्ट कार्य किया है।

जल उपयोग दक्षता उन्नयन
बता दें कि मध्यपप्रदेश में बांध से सीधे खेतों तक भूमिगत पाइप लाइन से जल पहुंचाने का नवाचार हुआ है। प्रदेश की मोहनपुरा एवं कुंडालिया परियोजना, जिसकी सिंचाई क्षमता 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर है, जल उपयोग दक्षता उन्नयन के क्षेत्र में अनुकरणीय सिंचाई परियोजना के रूप में स्थापित हो चुकी है।

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