मध्यप्रदेश

लाड़ली बहना योजना बहनों को देगी संबल, शिवराज बोले- मेरा संकल्प बहनों को हर महीने मिले दस हजार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भी बहन मजबूर नहीं रहेगी उन्हें मजबूत बनायेंगे। मैं अपनी बहनों की आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा। उन्होंने कहा कि पूर्व के दशकों में बेटी का जन्म होने पर माता-पिता के चेहरे पर मायूसी दिख जाती थी। साथ ही बेटी की परवरिश, पढ़ाई और विवाह की चिन्ता सताने लगती थी।

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अनेक अभिनव योजनाएं संचालित हैं। लाड़ली बहना योजना प्रारंभ करने से प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण का कार्य आसान हुआ है। योजना से मिलने वाली राशि से महिलाओं को छोटे-छोटे खर्चों के लिए अन्य लोगों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन से महिलाओं को जोड़ कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा रहा है। मेरा संकल्प है कि प्रत्येक बहन की मासिक आय 10 हजार रुपए हो जाये। यह बात शिवराज ने बालाघाट जिले के मलाजखंड में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। महिलाओं की जिÞंदगी बदल कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाना मेरी जिदगी का मकसद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भी बहन मजबूर नहीं रहेगी उन्हें मजबूत बनायेंगे। मैं अपनी बहनों की आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा। उन्होंने कहा कि पूर्व के दशकों में बेटी का जन्म होने पर माता-पिता के चेहरे पर मायूसी दिख जाती थी। साथ ही बेटी की परवरिश, पढ़ाई और विवाह की चिन्ता सताने लगती थी।

बेटी बोझ नहीं वरदान
गरीब वर्ग की इस व्यथा को दूर करने प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की गई। मैं आज खुशी से कहता हूं कि 44 लाख से भी अधिक लाड़ली लक्ष्मी मेरी बेटियां है, बेटी बोझ नहीं वरदान है। उन्होंने कहा कि संपत्तियों की रजिस्ट्री अब महिलाओं के नाम पर हो रही हैं। सरकार ने यह फैसला लिया था की स्थानीय निर्वाचन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये। इसका असर यह हुआ है कि अब महिलाएं पंच, सरपंच, पार्षद, जनपद, जिÞला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के पद पर हैं और वे सरकार चला रही हैं।

10 जून को बहनों के खाते में आएंगे 1-1 हजार
महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि 10 जून की शाम को लाड़ली बहना योजना की राशि बहनों के खाते में डाली जाएगी। बहनें अगले दिन 11 जून को इस राशि का बैंक निकाल सकेंगी। उन्होंने कहा कि भाई होने के नाते मेरा भी यह फर्ज़ है कि मैं अपनी बहनों को कुछ तोहफा दूं। इसके लिए बहनों के खातों में प्रतिमाह 1000 रुपए की राशि दी जाएगी। इस राशि से बहनें अपनी जरूरत एवं परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक करोड़ 25 लाख पात्र बहनों के फॉर्म स्वीकृत किए जा चुके हैं। महिलाओं के हित में संचालित योजनाओं की मैदानी स्तर पर निगरानी के लिये हर गांव में लाड़ली बहना सेना बनाई जा रही है। बड़े ग्रामों में 21 महिला सदस्य एवं छोटे ग्रामों में 11 महिला सदस्य शामिल की जाएगी।

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