पुराने स्वरूप में लौटेंगी इंदौर की कान्ह-सरस्वती नदी, नाले में हो चुकी हैं तब्दील
कान्ह और सरस्वती नदी उज्जैन के समीप शिप्रा में जाकर मिलती है और शिप्रा चंबल में समाती है। चंबल नदी यमुना नदी में और यमुना आगे जाकर गंगा नदी में मिलती है। नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत इंदौर की कान्ह एवं सरस्वती नदी को स्वच्छ करने के लिए केंद्र सरकार से 511 करोड रुपए की राशि स्वीकृत हुई है।
इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार इंदौर इन दिनों विकास की नई राह पर चल पड़ा है। ऐसा सिर्फ सुनने में ही नहीं देखने को भी मिलता रहता है। इसी कड़ी में सीवरेज मिलने के कारण नाले में तब्दील हुई कान्ह और और सरस्वती नदी का पुराना स्वरूप लौटाने की कवायद तेज हो गई है। दरअसल कान्ह और सरस्वती नदी को स्वच्छ करने के लिए केन्द्र सरकार ने 511 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। यह सब इंदौर के सासंद शंकर लालवानी के प्रयासों से हुआ है।
बता दें कि सांसद शंकर लालवानी ने कान्ह और सरस्वती नदी को लेकर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा था और भेंट भी की थी। जिसके बाद इन दोनों नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने 511 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। सांसद शंकर लालवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जनशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को धन्यवाद देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार से मिली इस राशि से इंदौर की नदियों का प्रदूषण कम होगा एवं अप्रत्यक्ष रूप से हमारी आस्था का केंद्र गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने में लगी है केन्द्र सरकार
बता दें कि कान्ह और सरस्वती नदी उज्जैन के समीप शिप्रा में जाकर मिलती है और शिप्रा चंबल में समाती है। चंबल नदी यमुना नदी में और यमुना आगे जाकर गंगा नदी में मिलती है। नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत इंदौर की कान्ह एवं सरस्वती नदी को स्वच्छ करने के लिए केंद्र सरकार से 511 करोड रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि देशभर में करीब 1,200 करोड रुपए की अलग-अलग परियोजनाएं मंजूर हुई है जिसमें सबसे ज्यादा 511 करोड़ रुपए इंदौर को मिले है। नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत गंगा नदी को स्वच्छ करने के लिए गंगा में मिलने वाली नदियों को प्रदूषण को मुक्त करने की कोशिश सरकार कर रही है।
इंदौर को मिली सबसे बड़ी राशि
गौरतलब है कि हाल ही में नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत करीब 12 सौ करोड रुपए की विभिन्न परियोजनाएं देशभर में स्वीकृत हुई है जिसमें से सर्वाधिक राशि इंदौर को मिली है। केंद्र सरकार ने गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत सहायक नदियों एवं प्रदूषण को सोर्स पर कम करने के लिए योजना बनाई है और इसी योजना का जिक्र सांसद शंकर लालवानी ने अपनी चिट्ठी में करते हुए इंदौर के कान्ह एवं सरस्वती नदियों को स्वच्छ करने की मांग रखी थी।