इस मामले में श्योपुर ने पछाड़ा पूरे MP को, केन्द्र ने फर्जीवाड़ा रोकने लांच किया है पोषण ट्रैकर एप
केन्द्र सरकार ने कुपोषण मिटाने की योजना में फर्जीवाड़ा समाप्त करने पारदर्शिता रखने के उद्देश्य पोषण ट्रैकर एप लॉन्च किया है। इस एप के माध्यम से आंगनबाडियो पर दी जा रही सेवाओ को वितरण करते समय अपने मोबाइल से आनलाइन करना पड़ता है।
ग्वालियर। महिला बाल विकास विभाग में संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से आॅनलाइन करने में श्योपुर जिला प्रदेश में अव्वल है। अभी तक जिले की 1126 आंगनबाड़ियो पर 65 फीसद हितग्राहियों को सेवाएं पोषण ट्रैक्टर के माध्यम से आॅनलाइन दी जा रही है। प्रदेश की बात करें तो प्रदेश में आॅनलाइन सेवा देने का औसत सिर्फ 13 फीसदी है।
बता दें कि केन्द्र सरकार ने कुपोषण मिटाने की योजना में फर्जीवाड़ा समाप्त करने पारदर्शिता रखने के उद्देश्य पोषण ट्रैकर एप लॉन्च किया है। इस एप के माध्यम से आंगनबाडियो पर दी जा रही सेवाओ को वितरण करते समय अपने मोबाइल से आनलाइन करना पड़ता है। भारत सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कुपोषण मिटाने के लिए जो अनुदान केंद्र सरकार से मिलता है वह तभी मिलेगा जब हितग्राहियों को पोषण ट्रैकर एप से जोड़ा जाएगा।
लापरवाही बरतने वाले राज्यों को नहीं दी जाती राशि
जो प्रदेश एप को जोड़ने में लापरवाही बरतेंगे , उन्हें केंद्र सरकार द्वारा कुपोषण को मिटाने के लिए दी जाने वाली सहायता राशि भी नहीं मिलेगी। इसके बाद प्रदेश में लगातार कार्यकतार्ओं से पोषण ट्रैकर एप मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा है इस काम में नवंबर में हुई समीक्षा के दौरान मध्यप्रदेश में श्योपुर जिला पहले नंबर पर आया है। यहां संचालित 1126 आंगनबाड़ियों पर दर्ज 97 हजार 801 कुपोषित बच्चों में से 67 हजार 97 बच्चों को पोषण आहार वितरण कर उन्हें तत्काल पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से आॅनलाइन किया जा रहा है जो जिले का औसत 68 प्रतिशत है।
आधार से जोड़कर रोका योजना में फर्जीवाड़ा
पोषण ट्रैकर एप में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हितग्राहियों को आधार से जोड़ा गया है। जिस हितग्राही का आधार पोषण ट्रैकर एप में आॅनलाइन हुआ है उसे ही आंगनबाड़ी पर सेवाएं दी जाएंगी यानी कुपोषित बच्चे को भी भोजन नाश्ता तभी मिलेगा जब वह पोषण ट्रैकर से जुड़ा होगा। जिन बच्चों का आधार नहीं है उन्हें फिलहाल अभिभावकों या नजदीकी रिश्तेदारों के आधार से लिंक किया जा रहा है।
कार्यकर्ताओं का मानदेय भी पोषण ट्रैकर पर निर्भर
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं का मासिक मानदेय भी पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से जारी किया जाएगा और यह मानदेय तब जारी होगा जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से अपने केंद्र पर दी जा रही योजनाओं को आॅनलाइन करेगी। जो कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर एप पर सेवाओं को आॅनलाइन नहीं करेगी उनका मानदेय भी भारत सरकार की ओर से नहीं डाला जाएगा। याद रहे कि आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं का मानदेय भारत सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से डाला जाता है।