इंदौरमध्यप्रदेश

आदिवासी सम्मेलन में नाथ ने छिंदवाड़ा का खूब किया गुणगान, बोले- हवा में नहीं, सच्चाई कर रहा हूं बयां

नाथ ने कहा कि मुझे गर्व है कि मुझे इतनी वर्षों तक ना केवल आदिवासी भाइयों की सेवा करने का मौका मिला बल्कि सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले छिंदवाड़ा में आदिवासी भाइयों के साथ कार्य करने का मौका मिला।

इंदौर। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने रविवार को इंदौर में आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि आज आदिवासियों को अपने जल जंगल जमीन के अधिकारियों के लिए तरसना पड़ रहा है उन आदिवासियों को जो मालिक है इस जमीन के उन्हीं को पाठ पढ़ाया जा रहा है, आप का पट्टा अवैध है आपका अतिक्रमण है मैं तो कहता हूं अतिक्रमण इन लोगों का है क्योंकि आप इस जमीन के मालिक हैं। आपको यह एहसास कराना है कि आप जमीन के मालिक हैं तभी आप अपने अधिकारों को सुनिश्चित कर पाएंगे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए नाथ ने कहा कि मुझे गर्व है कि मुझे इतनी वर्षों तक ना केवल आदिवासी भाइयों की सेवा करने का मौका मिला बल्कि सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले छिंदवाड़ा में आदिवासी भाइयों के साथ कार्य करने का मौका मिला। मैं हवा हवाई बातें नहीं करूंगा, अपने अनुभव की बात आज आप सबके बीच साझा करूंगा, 1979 पहले जब मैं छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व करने के लिए आगे आया, आदिवासी तीर्थ स्थान आंचल कुंड गया। सड़कें ऐसी थी कि हम जीप से जाया करते थे तो हमें लगता था जीप पलट जाएगी। इस डर से उन सड़कों पर कभी-कभी जीप से उतरकर पैदल भी चलते, रात में तीर्थ स्थान पहुंचे एक आदिवासी महर्षि थे, महर्षि के चरणों में प्रणाम किया और कहा मैं चुनाव लड़ रहा हूं और आपका आशीर्वाद लेने आया हूं।

तब सिर्फ 22 गांवों में थी बिजली
महर्षि के आशीर्वाद से मैं चुनाव जीता और उस समय मैंने वचन दिया था अपने आदिवासी भाइयों को की दोबारा अचल कोट तीर्थ स्थान तभी जाऊंगा जब वहां पर सड़क बनवा दूंगा सबसे पहला काम मैंने किया वहां की सड़क का निर्माण कराया। नाथ ने आगे कहा कि आप सबने पातालकोट का नाम सुना होगा, पातालकोट पहुंचने के लिए हम 3 घंटे पैदल चला करते थे, वहां के आदिवासी भाई आम की गुठली सुखाकर उसका आटा बनाते थे जिसे साल भर खाते थे सिर्फ नमक खरीदने के लिए पातालकोट से ऊपर आया करते थे, सीमित कपड़े पहनते थे, जहां केवल 22 प्रतिशत गांवों में बिजली थी, गिनी चुनी सड़के हुआ करती थी। आज आप उस क्षेत्र में जाइए जो सीमित कपड़ा पहना करते थे, उनके बच्चे आज जींस और टीशर्ट पहनते हैं इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व से जुड़े हुए हैं और मल्टीनेशनल कंपनियों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। सेंटर से हमने बनवाए हैं। गर्व से कहते हैं कि देश छोड़िए विदेश में भी आज इतने ट्रेनिंग सेंटर और स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट नहीं है।

राजनीति में लंबी चौड़ी बातें करना बहुत आसान
पीसीसी चीफ ने कहा कि मैं आज यह सब इसीलिए बोल रहा हूं क्योंकि राजनीति में लंबी चौड़ी बातें करना बहुत आसान है, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति से एक वंचित जिले को आगे बढ़ाने के लिए साहस चाहिए और वही हिम्मत और साहस हमें मध्य प्रदेश के हर जिले में आज आवश्यकता है। मैं यहां बैठे हुए अपने हर युवा से यह प्रार्थना करूंगा कि आप एक बार छिंदवाड़ा अवश्य जाएं और देख कर आइए की कमलनाथ हवा में बातें नहीं कर रहे हैं वे सच्चाई बयां कर रहे हैं। आज आप सब ने मुझे मांग पत्र सौंपा है परंतु छिंदवाड़ा में से किसी ने मेडिकल कॉलेज नहीं मांगा था, हॉर्टिकल्चर कॉलेज नहीं मांगा था, यह मेरे लिए मेरे राजनीतिक जीवन के लिए एक स्वप्न था जो मैंने छिंदवाड़ा के लिए देखा था और मध्यप्रदेश के लिए देखा था।

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