वैक्सीन की किल्लत पर गडकरी का बड़ा बयान: प्रोडक्शन बढ़ाने अन्य कंपनियों को भी मिले लाईसेंस
नई दिल्ली। भारत में कोरोना (Corona) का प्रकोप लगातार जारी है। संक्रमण दर (Infection rate) में गिरावट के बाद भी मौतों का आंकड़ा थम नही रहा है। इसको रोकने के लिए देश भर में टीकाकरण अभियान (Vaccination campaign) चलाया जा रहा है। इस बीच वैक्सीन की किल्लत पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बड़ा बयान दिया है। गडकरी ने कहा कि देश में किल्लत को कम करने के लिए वैक्सीन बनाने के लिए अन्य कंपनियों को भी लाइसेंस मिलने चाहिए, ताकि प्रोडक्शन (Production) को बढ़ाया जा सके। नितिन गडकरी का ये बयान तब आया है, जब देश के कई हिस्सों में वैक्सीन की कमी है और बीते दिनों ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) भी ऐसा फॉर्मूला सुझा चुके हैं। वैक्सीन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जब डिमांड बढ़ती है, तो सप्लाई में दिक्कत आती है। ऐसे में वह मंत्री से अपील करेंगे कि वैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए अधिक लाइसेंस दिए जाएं।
नितिन गडकरी ने दावा किया कि हर राज्य में ऐसी लैब मौजूद हैं, जिनके पास ऐसी क्षमता है। अगर formula दिया जाए तो वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ सकता है और 15 दिनों में ही नतीजे दिख सकते हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि अगर हर राज्य में प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ती है, तो सबसे पहले देश में सप्लाई तेज होगी और बाद में अगर बनता है तो एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं। बता दें कि बीते दिनों जब महाराष्ट्र में रेमडेसिविर (Remdesivir) की किल्लत सामने आई, तब नितिन गडकरी की पहल पर कुछ स्थानीय कंपनियों को इसका लाइसेंस दिया गया, जिसके बाद अब महाराष्ट्र में किल्लत खत्म हुई और रेमडेसिविर अब सरप्लस में पहुंच गया है।
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अरविंद केजरीवाल कर चुके हैं ऐसी ही अपील
वैक्सीन की किल्लत को देखते हुए बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यही अपील की थी। उन्होंने केंद्र से कहा था कि देश में अगर अन्य कंपनियों को वैक्सीन बनाने का formula दिया जाए तो जो कंपनियां पहले से ही इस क्षेत्र में हैं, वो कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) का प्रोडक्शन कर सकती हैं, ऐसे मे जल्द ही बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन किया जा सकेगा। अरविंद केजरीवाल की अपील पर केंद्र की ओर से भी जवाब आया था, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई थी कि भारत बायोटेक अपनी कोवैक्सीन का फॉर्मूला साझा करने के लिए तैयार है, ऐसे में अगर कोई कंपनी वैक्सीन के प्रोडक्शन का प्रस्ताव लाती है तो उसपर अमल किया जा सकता है।