बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की पहल, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ अभियान को लेकर बेहद सतर्क है। इसके चलते वहां लगातार कार्रवाई भी हो रही है।
ताजा खबर : असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ अभियान को लेकर बेहद सतर्क है। इसके चलते वहां लगातार कार्रवाई भी हो रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को ट्वीट कर गिरफ्तारियों को लेकर जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि असम में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 3015 गिरफ्तारियां की गई है। दरअसल असम में बाल विवाह कराने वाले हिंदू और मुस्लिम पुजारियों की गिरफ्तारियां की जा रही है और सूबे में आगे भी ये अभियान जारी रहेगा। बता दें असम पुलिस के पास इस मामले में 8 हजार आरोपियों की लिस्ट है।
Our crackdown against child marriage has entered it’s second week with 3,015 arrests made so far. The drive against this social evil will continue. The positive side is that now people are coming out and surrendering before police.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 13, 2023
‘लोग खुद आगे आ रहे हैं’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (13 फरवरी) ट्वीट कर कहा कि, “बाल विवाह के खिलाफ हमारी कार्रवाई दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुकी है और अब तक 3,015 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. सकारात्मक पक्ष यह है कि अब लोग बाहर निकल रहे हैं और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं.” दरअसल असम सरकार ने 3 फरवरी को ही बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए अवैध करार दी गई शादियां करवाने वाले हिंदू और मुस्लिम पुजारियों सहित 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया था.
असम कैबिनेट का है फैसला
असम में बाल विवाह के खिलाफ ये कार्रवाई वहां कैबिनेट के फैसले के बाद हो रही है. हाल ही में वहां की कैबिनेट ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामले दर्ज करने का फैसला लिया था।
बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज
इसके तहत 14-18 साल की लड़कियों की मैरिज कराने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है। इसके तहत बाल बाल विवाह निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है और इस तरह की शादी को अवैध करार दिया गया है। गिरफ्तार शख्स अगर 14 साल से कम उम्र का है तो उसे सुधार गृह भेजा जा रहा है। इस बीच सूबे की महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं।