कूनों में ही रहेंगे सभी चीतें, केन्द्रीय मंत्री बोले- सबसे पहले यहां शुरू किया था चीता प्रोजेक्ट, इसी को बनाएंगे सफल
कूनो नेशनल पार्क के दौरे पर मंगलवार को पहुंचे केन्द्रीय यादव ने चीतो को दूसरी जगह शिफ्ट करने की संभावनाओं से इनकार करते हुए मीडिया से कहा कि सबसे पहले कूनों में चीता प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसे यहीं सक्सेस किया जाएगा।
श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में दो महीने में हुई 6 चीतों की मौत के बाद खबरें आने लगी थी कि चीतों को दूसरे अभयारण्यों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर अभयारण्य को चुना गया था, लेकिन चीतों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना पर विराम लगता हुआ दिख रहा है। इस पर विराम लगाया है स्वयं केन्द्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने।
कूनो नेशनल पार्क के दौरे पर मंगलवार को पहुंचे केन्द्रीय मंत्री यादव ने चीतो को दूसरी जगह शिफ्ट करने की संभावनाओं से इनकार करते हुए मीडिया से कहा कि सबसे पहले कूनों में चीता प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसे यहीं सक्सेस किया जाएगा। इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आवश्यकता पड़ने पर दूसरे स्थानों के बारे में सोचा जाएगा। हालांकि उन्होंने चीतों की मौत को लेकर किए गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
वन विभाग के अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
कूनो दौरे के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि, हमारे अधिकारी और हमारी टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है, मैं खुद कई बार यहां आकर स्थितियां देखता हूं, सब लोग ठीक तरह से काम कर रहे हैं, चीता प्रोजेक्ट को सबसे पहले कूनो नेशनल पार्क में शुरू किया गया था, यहीं पर इसे डिवेलप किया जाएगा।
इन दो सवालों पर साधी चुप्पी
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दूसरी जगह भी व्यवस्थाएं रखनी पड़ती हैं, इस पर दूसरे चरण में काम किया जाएगा। चीतों की मौत के मामले में केंद्रीय वन मंत्री चुप्पी साध गए। उन्होंने टिकटोली गेट को पर्यटकों के लिए खोले जाने के मामले में भी चुप्पी साध ली। हालांकि वह कूनो से हाल ही में विस्थापित किए गए बागचा गांव पहुंचकर वहां के हालात जरूर देखें।