हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का भूमिपूजन: राष्ट्रपति बोलीं- न्याय न हो इतना महंगा…. महिलाओं के लिए भी कही बड़ी बात
भोपाल। मध्यप्रदेश के दौरे पर आई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मप्र हाईकोर्ट को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने 460 करोड़ की लागत से बनने वाले नए भवन का भूमिपूजन किया। शिलान्यास समारोह में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य न्यायाधिपति रवि मलिमठ मौजूद थे। समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने आम आदमी के हित में कई बड़ी बातें कही। उन्होंने कहा कि न्याय इतना मंहगा न हो कि वह आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाये।
मुर्मु ने कहा कि विवादों के वैकल्पिक समाधान सस्तें व सुलभ कैसे हो इस पर विचार करें। अदालतों में लंबित प्रकरणों के कारण तथा छोटे-मोटे अपराध के कारण जो जेल में बंद है उन पर विचार करें और पंच परमेश्वर की धारणा अनुसार विवादों का निपटारा करें। मध्यस्थता से विवादों के निपटारे को समाज में व्यापक समर्थन मिलता है। इससे लिटीगेशन भी कम होते हैं। न्याय पालिका में सरल, सुलभ व त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए।
न्यायपालिका में बढ़नी चाहिए महिलाओं की भागीदारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि न्यायपालिका में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी चाहिए। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय सिर्फ नौ फीसदी और उच्च न्यायालयों में केवल सिर्फ 14 फीसदी महिला जज हैं। महिलाओं का सशक्तिकरण देश के लिए आवश्यक है। राजनीति में 33 फीसदी महिला आरक्षण क्रांतिकारी कदम होगा। महिला में न्याय करने का नैसर्गिक भाव होता है। एक मां कभी बच्चों में भेद नहीं करती। महिलाओं की भागीदारी न्यायपालिका के हित में होगी।उन्होंने कहा कि अदालतों में पेंडेंसी और पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ी चुनौती है। देश की ट्रायल कोर्ट्स में 4.5 करोड़ केस पेंडिंग हैं।
टेक्नालॉजी के क्षेत्र में देश कर रहा भारी प्रगति
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि टेक्नालॉजी से आज देश प्रत्येक क्षेत्र आगे बढ़ रहा है। न्याय क्षेत्र में भी प्रगति हुई है। इसमें ई-कोर्ट व्यवस्था विश्वसनीय साबित हुई है। न्याय प्रक्रिया को सुगम व सरल बनाने के लिये टेक्नालॉजी के प्रयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये पिछले सप्ताह संसद में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का अधिनियम पारित हुआ है। उन्होंने कहा कि न्याय क्षेत्र में भी महिलाओं की सामूहिक भागीदारी हो क्योंकि महिलाओं में न्याय का नैसर्गिक भाव होता है। न्याय में पुस्तकीय ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान का होना बहुत जरूरी है। वर्ष 1976 के एडीएम वर्सेज शिवकांत शुक्ला का एक प्रकरण का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकारों के पक्ष में दिये निर्णय ने जबलपुर का नाम इतिहास में अमिट है।
हाईकोर्ट का नया केस की पेंडेंसी घटाने में करेगा मदद: शिवराज
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हए सीएम शिवराज ने कहा इस नए भवन का भूमिपूजन हम सबके लिए आनंद और गौरव का विषय है। यह हाईकोर्ट का नया भवन केस की पेंडेंसी को घटाने में मदद करेगा। वहीं राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने बयान में कहा सूराज का आधार न्याय होता है। हाईकोर्ट के फैसले इंग्लिश के साथ हिंदी में भी हो। सीएम शिवराज सिंह ने अपने बयान में कहा हाईकोर्ट का नया भवन केस की पेंडेंसी को घटाने में मदद करेगा। लोकतंत्र पर जनता भरोसा करें यह बहुत जरूरी है और लोकतंत्र की खूबी लोगों को न्याया मिलने से है। सीएम शिवराज ने कहा सबको न्याय मिले, आसानी से मिले, शीघ्र न्याय मिले संवेदना से न्याया मिले यही न्याय का मूल है।
जनता की सुविधा को ध्यान में रख बनाया गया नया भवन
सीएम शिवराज ने कहा सब लोगों को सुविधा को ध्यान में रखते हुऐ भवन बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा 460 करोड़ के बजट को रिवाइज करने की जरूरत पड़े तो सरकार तैयार है। जल्दी न्याया दिलाने में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हम करेंगे। मध्य प्रदेश में लोक अदालत की न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गावों में शांति विवाद निवारण समिती ने भी बहुत बढ़िया भूमिका न्याया दिलाने में निभाई है।