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पुतिन आज आ रहे भारत: हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ बड़ी बैठक कर पाक और चीन को देंगे बड़ी टेंशन

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) आज एक दिवसीय दौरे पर भारत (India) पहुंच रहे हैं। भारत और रूस के बीच सैन्य संबंधों को पहले से भी मजबूत बनाने के इरादे से दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यह बैठक काफी पावरफुल साबित होने वाली है। अपनी भारत यात्रा से पहले पुतिन ने कहा कि वह भारतीय PM से मुलाकात के दौरान दोनों देशों के विशेषाधिकार वाले संबंधों को और आगे ले जाने के लिए बड़े पैमाने पर शुरूआत करने के लिए बात करेंगे और ये साझेदारी दोनों ही देशों के लिए वास्तविक आपसी लाभ के अवसर मुहैया कराएगी।

इस बैठक के दौरान भारत और रूस के बीच पहली बार टू प्लस टू फॉरमैट (two plus two format) पर वार्ता होगी। दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों, एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia Pacific region) की स्थिति सहित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा होगी। पुतिन ने बीते हफ्ते ही कहा था कि वह पीएम मोदी के साथ रूस-भारत संबंधों को और विकसित करने के लिए खास चर्चा करना चाहते हैं। बता दें कि पुतिन भले ही छोटे से दौरे पर भारत आ रहे हैं लेकिन इस दौरान वह भारत को S-400 मिसाइल सिस्टम और AK-203 राइफल सहित कई ऐसे तोहफे दे सकते हैं जिससे चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ना तय है।

पुतिन की एक दिनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस (Hyderabad House) में शाम को बड़ी बैठक करेंगे। दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक को लेकर दुनिया भर की निगाहें टिकी हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र, क्वाड और अफगानिस्तान (Afghanistan) पर दोनों देशों के बीच जारी मतभेद और चीन-भारत तनाव के बीच पुतिन की इस यात्रा को खासा महत्व दिया जा रहा है। वहीं पुतिन यात्रा के दौरान कई बड़े रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर होंगे। दोनों देशों के बीच अगले दस साल तक रक्षा सहयोग जारी रखने और इसके लिए फ्रेमवर्क बनाने पर मुहर लगेगी।

पुराने रिश्तों को अहमियत देना चाहते हैं दोनों देश
कुछ मुद्दों पर मतभेद के बावजूद दोनों देश पुराने रिश्तों में मजबूती लाना चाहते हैं। भारत ने इस यात्रा से पहले एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर आगे बढ़ते हुए परोक्ष रूप से अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है। अमेरिका ने इस सौदे पर आगे बढ़ने पर भारत के खिलाफ कदम उठाने की चेतावनी दी थी लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि देश की रक्षा के मामले में वह किसी देश के दबाव में नहीं झुकने वाला। भारत रूस से कई अहम रक्षा खरीद सौदों को मंजूरी देकर साफ कर देना चाहता है दोनों देश के संबंध खास हैं।





मोदी-पुतिन की पावरफुल बैठक में क्या-क्या होगा?

  • साल 2019 में ब्राजीलिया में हुए ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से इतर हुई बैठक के बाद यह पीएम मोदी और पुतिन के बीच पहली मुलाकात है। यानी दोनों राष्ट्राध्यक्ष दो साल बाद फेस-टु-फेस बैठक करने वाले हैं।
  • इस शिखर वार्ता के दौरान रक्षा, व्यापार, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और संस्कृति में सहयोग को गहरा करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।
  • समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अपने दौरे पर रूसी राष्ट्रपति एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का मॉडल पीएम मोदी को सौंपेंगे।
  • दोनों देशों के बीच भारत में एक-203 राइफल के उत्पादन को लेकर करीब 5100 करोड़ रुपये की बड़ी और अहम डील पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है। ये राइफल उत्तर प्रदेश के अमेठी में बनेंगी।
  • एके-203 राइफल भारतीय सेना में शामिल तीन दशकों से भी पुरानी INSAS राइफलों की जगह लेगी। उम्मीद की जा रही है कि भारतीय सेना को 7.5 लाख एके-203 राइफल मिलेंगी।
  • कुछ साल पहले दोनों पक्षों के बीच AK-203 assault rifle समझौते पर सहमति बनी थी और अब आखिरी बड़ा मुद्दा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मुद्दों को हल करना होगा। भारतीय सेना द्वारा अधिग्रहित की जाने वाली 7.5 लाख राइफलों में से, पहले 70,000 में रूसी निर्मित घटक शामिल होंगे क्योंकि प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण धीरे-धीरे होता है।
  • एक प्रमुख समझौता जिस पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं, वह है रेसीप्रोकल एक्सचेंज आफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट (RELOS), जो दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों पर लॉजिस्टिक्स और सपोर्ट सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देगा।
  • भारत और रूस, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु और विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच नई दिल्ली में पहली 2 + 2 वार्ता भी करेंगे।
  • इस बैठक में दोनों देशों के मंत्रियों की ओर से एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और अफगानिस्तान और सीरिया के घटनाक्रम सहित प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर गहन चर्चा करने की उम्मीद है।

मतभेद वाले मुद्दों पर नजर

  • पुतिन की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच गहरे मतभेद हैं। मसलन रूस समुद्र में हिंद-प्रशांतक्षेत्र के बदले एशिया प्रशांत क्षेत्र का हितैषी है। अफगानिस्तान पर उसका रुख चीन के करीब है। रूस भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान के गठजोड़ क्वाड का भी विरोधी है।
  • पुतिन-मोदी बैठक में इन विषयों के अलावा अफगानिस्तान की स्थिति से कारण भारत की सुरक्षा को खतरा और सीमा पार आतंकवाद जैसे मामले में बातचीत होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन मुद्दों पर पुतिन क्या रुख अपनाते हैं।

भारत पहुंचे लावरोव-शोयगु
पुतिन से पहले रविवार को रूस के विदेश और रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव और सर्गेई शोयगु भारत पहुंचे। दोनों मंत्री सोमवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ टू प्लस टू वार्ता करेंगे।
इस टू प्लस टू वार्ता के बाद पुतिन-मोदी की अहम बैठक होगी। बैठक के कुछ देर बाद पुतिन स्वदेश रवाना हो जाएंगे।

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