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साजिद मीर: दुनिया का वह सबसे खतरनाक दरिंदा , जिसे बचाने के लिए पाकिस्तान ने दुनिया से बोला झूठ

इस्लामाबाद। साजिद मजीद मीर। आप इसकी तस्वीर देखें तो पाएंगे कि दाढ़ी के पीछे से मुस्कुराता हुआ चेहरा दिख रहा है। लेकिन यदि आप इसकी करतूतें पढ़ेंगे तो यह पा कर दहल जाएंगे की इस मुस्कराहट के पीछे कितनी भयावह क्रूरता घुली हुई है। क्योंकि यह वह दरिंदा है, जिसने भारत में ताज होटल पर हमले के लिए पैसे का इंतजाम किया। डेनमार्क में एक पत्रिका के दफ्तर पर आतंकी हमले की योजना तैयार की।
साजिद मीर सारी दुनिया के लिए सिर दर्द बनने जा रहा था। अमेरिका ने तो उसके सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम भी रखा है। अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने साजिद को दुनिया के ‘मोस्ट वांटेड’ लोगों की फेहरिस्त में शामिल किया है। भारतीय खुफिया एजेंसी साजिद को ‘पाकिस्तान का सबसे खतरनाक इंसान’ कहती है।
मुंबई में हमले पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने कराए थे। लश्कर का गठन करने वाले आतंकवादी हाफिज सईद से मीर की काफी नजदीकी है। साजिद अपने कई नाम इस्तेमाल करते हुए सुरक्षा एजेंसियों को झांसा देता आ रहा है। उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए नामों में, ‘इब्राहिम वसी’ ‘खालिद वसी’ ‘ वसी भाई’ ‘ भाई अली’ ‘ मूसा भाई’ ‘वसी इब्राहिम’ ‘साजिद मजीद’ और ‘इब्राहिम शाह’ प्रमुख रूप से शामिल बताए जाते हैं।
(हाफिज सईद)
लेकिन इंसानियत के इसी दुश्मन को पाकिस्तान ने सिर-आंखों पर बिठा रखा था। पाकिस्तान सारी दुनिया से यह झूठ कहता रहा कि साजिद मीर मर चुका है। लेकिन अब हालात ने ऐसी करवट ली है कि पाकिस्तान को ही दुनिया से कहना पड़ा है कि साजिद जिन्दा है और उसे उस देश में 15 साल की सजा सुनाई गयी है।
साजिद 2005 में फर्जी पासपोर्ट बनाकर भारत आया था। कहा जाता है कि यहीं से मुंबई में सन 2008 में हुए आतंकी हमलों की बुनियाद रखी गयी थी। इन हमलों में 106 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी थे। इसके बाद से ही अमेरिका ने साजिद मीर को टारगेट पर ले रखा है।
मुंबई हमलों के बाद जब जांच की कड़ियां जोड़ी गयीं, तब पता चला कि साजिद मीर इसके षड्यंत्रकर्ताओं में प्रमुख था। तब उसे मुंबई हमलों का ‘प्रोजेक्ट मैनेजर’ कहा गया।
साजिद मीर के लिए यह भी कहा गया है कि उसने वर्ष 2008-09 के बीच डेनमार्क में पत्रिका ‘चार्ली हेब्दो’ के दफ्तर पर आतंकी हमले की साजिश भी रची थी।
(आतंकवाद के लिए दुनिया में बदनाम है पाकिस्तान)
लेकिन पाकिस्तान ने साजिद मीर को बचाने की पूरी कोशिश की। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं सहित कई देशों ने पकिस्तान पर साजिद को उन्हें सौंपने का दबाव बनाया। जवाब में पाकिस्तान ने कहा कि साजिद मीर की पहले ही मौत हो चुकी है।
हालांकि इस मामले में अब पाकिस्तान थूक कर चाटने की शर्मनाक स्थिति में आ गया है। इस देश ने अब कहा है कि उसकी एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता साजिद मजीद मीर को आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में 15 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई है।
एकबारगी यह लग सकता है कि पाकिस्तान ने कोई महान काम कर दिया हो, लेकिन जानकार ऐसा नहीं मानते। उनका कहना है कि साजिद मीर पाकिस्तान के लिए गले की हड्डी बन गया था। पश्चिमी देश पकिस्तान से लगातार इस बात के सबूत मांग रहे थे कि साजिद मीर मर चुका है। पाकिस्तान की मुसीबत यह भी है कि साजिद सहित अन्य आतंकियों को संरक्षण देने के आरोप के चलते वह वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहा है।
(एफएटीएफ से घबराकर यह थूक चाटा है पाकिस्तान ने )
चौंकाने वाली बात यह कि पंजाब पुलिस का आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी), जो अक्सर मीडिया को ऐसे मामलों में संदिग्धों के दोषी करार दिए जाने की जानकारी देता है, उसने साजिद मजीद मीर की दोषसिद्धि की सूचना नहीं दी। अब यह सूचना ऐसे समय दी गयी है, जबकि मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ इस्लामाबाद की ओर से उठाए गए कदमों और इस संबंध में किए गए सुधारों के क्रियान्वयन की समीक्षा करने के लिए आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था एफएटीएफ के अधिकारी जल्द ही पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं।
जानकारों का कहना है कि क्योंकि पाकिस्तान साजिद मीर के मरने के झूठ को साबित करने की स्थिति में नहीं था, इसीलिए अब उसे मीर की गिरफ्तारी और उसकी सजा वाली बात सामने लाना पड़ी है।
आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दवा के नेताओं का पक्ष रखने वाले एक वरिष्ठ वकील ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “इस महीने की शुरुआत में लाहौर की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक कार्यकर्ता साजिद मजीद मीर को साढ़े 15 साल की जेल की सजा सुनाई थी।”
वकील ने बताया कि साजिद मजीद मीर अप्रैल में अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है। उन्होंने कहा कि अदालत ने साजिद मजीद मीर पर चार लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है।

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