मप्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर जद्दोजहद: सीएम मोहन फिर गए दिल्ली, नामों पर मुहर लगने की उम्मीद
भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते 13 दिसंबर को सरकार का गठन हो गया है। डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री, जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ल ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन 10 दिन बाद भी मोहन कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाए हैं। इसकी बड़ी वजह नामों पर सहमति न बन पाना और क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को साधना माना जा रहा है। हालांकि सीएम मोहन कैबिनेट विस्तार को लेकर लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हें। इसी कड़ी में आज वह एक फिर हाईकमान से दिल्ली के दौरे पर गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम यादव की केंद्रीय नेतृत्व से दिल्ली में मुलाकात हो सकती है। कयास तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि इस बार केन्द्रीय नेतृत्व मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम मुहर भी लगा सकता है। बता दें कि सीएम कैबिनेट विस्तार को लेकर गुरुवार को दिनी दौरे पर दिल्ली गए थे। उन्होंने गुरुवार को दिल्ली में मध्य प्रदेश के सांसदों को रात्रिभोज दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत कई केंद्रीय नेताओ और संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद मंत्रिमंडल की सूची को अंतिम रूप देने की अटकलें लगाई जा रही थी।
दिग्गजों को लेकर फंसा है पेंच
सीएम की कैबिनेट में दिग्गजों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से मंत्रिमंडल पर सस्पेंस बना हुआ है। बताया जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका को लेकर मामला उलझा हुआ है। वहीं, केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साध रहा है। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि सीएम अपनी कैबिनेट में ज्यादा प्रतिनिधित्व पुराने चेहरों को नहीं देना चाहते हैं। हालांकि आज मंत्रिमंडल के नामों पर अंतिम मुहर लगने की बात कही जा रही है। जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।