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दिव्य मंदिर में सुशोभित हुए रामलला: पीएम मोदी बोले-अब रामलला नहीं रहेंगे टेंट में: कहा- राम विवाद नहीं, समाधान हैं

अयोध्या। पांच सौ साल का इतंजार आज खत्म हो गया है। अयोध्या में बने दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। गर्भगृह में रामलला की 51 इंच की मूर्ति स्थापित की गई है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के यजमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत बने। वहीं ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी देश के उद्योगपति, क्रिकेट और फिल्म जगत की हस्तियां और देश-विदेश के लाखों भक्त बने। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हेलीकॉप्टर ने नवनिर्मित रामजन्मभूमि मंदिर पर पुष्प वर्षा की गई। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद पीएम मोदी ने भगवान राम को साष्टांग प्रणाम किया। समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपना उपवास तोड़ा।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज हमारे राम आ गए हैं, राम सदियों की प्रतिक्षा के बाद आए हैं। इस मौके पर मेरा कंठ अवरुद्ध है। अब रामलला टेंट में नहीं बल्कि दिव्य मंदिर में रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। पीएम मोदी ने देश की जनता से राम के गुणों को आत्मसात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर युग में लोगों ने राम को जीया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है।

**EDS: GRAB VIA PMINDIA WEBSITE** Ayodhya: Prime Minister Narendra Modi prostrates before the idol of Ram Lalla during the ‘Pran Pratishtha’ rituals at the Ram Mandir, in Ayodhya, Monday, Jan. 22, 2024. (PTI Photo)(PTI01_22_2024_000169B)

कालचक्र बदल रहा है
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी इसलिए मैं कहता हूं यही समय है, सही समय है। इस दौरान पीएम ने विपक्ष को भी अपने निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। लेकिन राम आग नहीं ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं समाधान हैं।

भारत का भविष्य उज्ज्वल है
पीएम मोदी ने कहा, “कई देशों ने इतिहास की गांठ को जब खोलने के लिए कोशिश की, परिस्थितियां और जटिल हो गईं। लेकिन भारत ने जिस परिपक्वता के साथ न सिर्फ इतिहास की इस गांठ को न सिर्फ खोला है, बल्कि सुलझाया है वह इस बात का संकेत है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। उन सबसे कहना चाहूंगा कि आइए, महसूस कीजिए। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, राम सबके हैं। राम अनंत हैं। पीएम मोदी ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, वसुधैव कुटुंबकम के विचार की भी प्रतिष्ठा है। ये साक्षात मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है।”

राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना
अयोध्या में मुख्य यजमान के रूप में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने राम के चरित्र की व्याख्या की। नरेंद्र मोदी ने कहा, “ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है, ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हजारों वर्षों तक होता है।

इससे पहले सुनहरे रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया। इस दौरान वे अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का एक छत्र भी लेकर आए थे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान बजाई गई मधुर ह्यमंगल ध्वनिह्ण में देशभर के 50 पारंपरिक वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल किया गया।

इन वाद्य यंत्रों को बचाने वाले कलाकर शामिल हुए
उत्तर प्रदेश से बांसुरी और ढोलक
कर्नाटक से वीणा
महाराष्ट्र से सुंदरी
पंजाब से अलगोजा
ओडिशा से मर्दला
मध्य प्रदेश से संतूर
मणिपुर से पुंग
असम से नगाड़ा और काली
छत्तीसगढ़ से तंबूरा
बिहार से पखावज
दिल्ली से शहनाई
राजस्थान से रावणहत्था

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