संकट में चिराग: बगावत पर उतरे एलजेपी के सांसद, लोस अध्यक्ष से की अलग मान्यता देने की मांग
ताजा खबर: पटना। देश की राजनीति (Politics) में इस समय सियासी घमासान (political turmoil) मचा हुआ है। जहां एक ओर कांग्रेस (Congress) में पंजाब से नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और राजस्थान से सचिन पायटल (Sachin Pilot) बगावती तेवर अपनाए हुए हैं तो दूसरी ओर बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। LJP चीफ चिराग पासवान (Chirag Paswan) से नाराज चल रहे पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को पत्र लिखकर उन्हें अलग मान्यता देने की मांग की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पांचों सांसद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ जा सकते हैं।
जिन पांच सांसदो ने राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के बेटे चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की है वो हैं- पासुपति पारस पासवान (चाचा),प्रिंस राज (चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीणा देवी, और महबूब अली केशर। बताया गया है कि ये सभी सांसद बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के समय से चिराग पासवान से नाराज चल रहे थे। ऐसे में LJP में इस फूट की अटकलें तो पहले से लगाई जा रही थीं, इंतजार तो बस उस वक्त का था जब ये सांसद ये बड़ा कदम उठाते और चिराग पासवान को फिर बीच राजनीतिक मझधार में छोड़ देते। अब वो कदम उठा लिया गया है और LJP के सामने बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया है।
चिराग के लिए बड़ा सियासी संकट
वैसे भी बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने जब BJP-JDU से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तभी से CM नीतीश कुमार और उनके पार्टी के लोग चिराग से नाराज चल रहे थे। चुनाव के नतीजों ने भी साफ कर दिया कि चिराग की पार्टी की वजह से ही कई जगहों पर JDU की सीटें कम पड़ गई। अब इतना सब कुछ होने के बाद अगर LJP के पांच सांसदों ने JDU ज्वाइन कर ली, तो ये चिराग के लिए बड़ी किरकिरी साबित होगी।
अभी खबर ये है कि पांचों सांसदों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं और चिराग से काफी ज्यादा खफा हैं। सूत्र बताते हैं कि इन पांच सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मांग की है कि उन्हें एलजेपी से अलग मान्यता दी जाए। अब अगर ये सच है तो मतलब ये पांच सांसद अब अलग राजनीतिक दिशा में आगे बढ़ने जा रहे हैं और उनका अब अगला हर कदम चिराग के लिए बिहार की राजनीति में मुश्किल खड़ी करने वाला होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से कनेक्शन?
वैसे अभी इस समय केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भी अटकलें चल रही हैं। पुख्ता तो कुछ नहीं है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर दबी जुबान में काफी कुछ चल रहा है। ऐसे में अगर अब एलजेपी के पांच सांसद चिराग का साथ छोड़ रहे हैं, तो इसे एक बड़ी रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।