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गुजरात: पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज, 2.32 किमी है सुदर्शन सेतु की लंबाई

द्वारका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। उन्होंने गुजरात प्रवास के आखिरी दिन यानि रविवार को सबसे पहले बेट द्वारका में भगवान द्वारकाधीश की पूजा की। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका को जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया। ये देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है। अब ओखा (द्वारका) से बेट द्वारका जाने के लिए लोगों को बोट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। ब्रिज को बनाने में 978 करोड़ की लागत आई है। अगर इसकी लंबाई पर गौर करें तो यह करीब 2.32 किलोमीटर लंबा है। इसके अलावा पीएम मोदी गुजरात दौरे के आखिरी दिन आज 4150 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इसके बाद उनकी एक जनसभा भी होगी।

2016 में मिली थी मंजूरी
सुदर्शन सेतु की बात करें तो इस पुल के निर्माण को साल 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मंजूरी मिली थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सात अक्तूबर, 2017 को ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले पुल की आधारशिला रखी थी। पहले इसकी अनुमानित लागत 962 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया।

979 करोड़ में बना सुदर्शन सेतु
‘सुदर्शन सेतु’ का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसे ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के नाम से भी जाना जाएगा। ये पुल द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए बहुत खास महत्व रखेगा। चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े ब्रिज पर दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं। बताया जा रहा है कि सुदर्शन सेतु का अद्वितीय डिजाइन है। इसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ एक फुटपाथ है। इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर ऊर्जा के पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी।

तीर्थयात्रियों को भेद द्वारका तक पहुंचने के लिए करनी पड़ती थी मशक्कत
सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को भेट द्वारका तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्हें नाव पर निर्भर रहना पड़ता था। मौसम खराब हो तो लोगों को प्रतीक्षा करनी होती थी। अब इस ब्रिज के बन जाने से देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी काम करेगा। इसके अलावा, यात्रा करने वाले भक्तों के समय को काफी बचाएगा। इस ब्रिज का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है। जिस पुल को ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था, अब उसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है। बेट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है।

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