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भारतीय गठजोड़ ने यूं निराश होकर छोड़ा इजरायल का तेल ब्लॉक 

नयी दिल्ली। ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) (ONGC Videsh Limited) (OVL) के नेतृत्व वाले भारतीय गठजोड़ ने इजराइली जलक्षेत्र (Israeli water area) मे प्रवेश करने के तीन साल बाद वहां के अपतटीय तेल ब्लॉक (offshore oil block ) को छोड़ दिया है क्योंकि वहां हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) पाए जाने की संभावना “बहुत कम” थी।

भागीदारों के दो अधिकारियों ने कहा कि ओवीएल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), ऑयल इंडिया लिमिटेड (Oil India Limited) और भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिटेड (बीआरपीएल) (Bharat Petro Resources Limited( BRPL) के गठजोड़ ने अपतटीय ब्लॉक-32 को छोड़ दिया है।

यह परियोजना दोनों की बढ़ती नजदीकियों का प्रतीक थी।

जनवरी 2018 में तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की भारत (India) यात्रा से पहले इजराइल के राष्ट्रीय अवसंरचना, ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालय (Ministry of National Infrastructure, Energy and Water Resources ) ने अपतटीय ब्लॉक-32 के लिए भारतीय कंपनियों को मंजूरी दी थी।

इससे पहले तेल और गैस दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का हिस्सा नहीं थे।

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय भागीदारों ने उपलब्ध 2डी और 3डी भूकंपीय आंकड़ों के आधार पर हाइड्रोकार्बन संभावनाओं का आकलन किया और 28 मार्च, 2019 को इजराइल के पेट्रोलियम आयुक्त को एक रिपोर्ट सौंपी।

एक अधिकारी ने कहा, “हाइड्रोकार्बन की बहुत संभावनाओं के कारण गठजोड़ ने ब्लॉक को छोड़ने का फैसला किया और इजराइल के पेट्रोलियम आयुक्त को इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया गया। पेट्रोलियम आयुक्त ने इसे अपनी मंजूरी दे दी।”

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