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MP में 2021 से हो रहा प्राकृतिक खेती पर काम, जुड़ चुके हैं 59 हजार किसान: शाह से बोले शिवराज

भोपाल। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को नई दिल्ली में प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि को लेकर बड़ी बैठक हुई। इस बैठक मे शाह के अलावा केन्द्रीय कृषि नरेन्द्र सिंह तोमर, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे, जबकि भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश, मणिपुर, असम, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री इस बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। बैठक को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया और प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि क्षेत्र में संचालित गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

शिवराज ने कहा है कि इस लक्ष्य से हम आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को सुरक्षित स्वरूप में छोड़ पाएंगे। इन अभियानों से मानव जीवन के साथ जीव-जन्तुओं की सुरक्षा की व्यवस्था भी होगी। मध्यप्रदेश में प्राकृतिक खेती की दिशा में 2021 से कार्य आरंभ हुआ और अब तक 59 हजार से अधिक किसान इस अभियान से जुड़ चुके हैं। डिजिटल कृषि में क्राप सर्वे, रिफेरेंस रजिस्ट्री, फार्मा रजिस्ट्री और पीएम किसान डाटा बेस का उपयोग कर प्रदेश के किसानों के हित में कार्य किया जा रहा है।

गाय पालने किसानों को हर माह दिए जा रहे 900
सीएम ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग का अमला किसानों से लगातार संपर्क में है। प्रदेश के किसान सरलता से खेती कर पाए इस उद्देश्य से किसानों को देशी गाय पालने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप प्रतिमाह 900 रुपए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कृषि पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर कर रहे विद्यार्थियों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जा रहा है।

गौ-शालाओं को जोड़ना होगा प्राकृतिक खेती से: शाह
वहीं शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती खेती गाय पर आधारित परंपरागत खेती है, जो धरती के सभी तत्वों के संरक्षण पर आधारित है। एक समय यह कहा जाता था कि भारत-भूमि में दूध और घी की नदियां बहती हैं। वर्तमान में प्राकृतिक खेती से ही यह स्थिति पुन: निर्मित होगी। इस दौरान शाह ने कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में प्राकृतिक खेती को सम्मिलित करने और सफल प्राकृतिक खेती वाले गांवो में किसान का भ्रमण कराने जैसी गतिविधियों को मिशन मोड में अपनाने और गौ-शालाओं को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का सुझाव दिया।

प्राकृतिक खेती को बनाना होगा जन आंदोलन
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक खेती में गाय के गोबर, मूत्र और वनस्पति के उपयोग से रसायन मुक्त पारंपरिक खेती को जन-आंदोलन बनाने का आह्वान किया है। प्राकृतिक खेती मिट्टी की सेहत और जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से अनुकूल है। इसमें लागत भी कम आती है। डिजिटल कृषि पर हुए प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि किसानों की डिजिटल आइडेंटिटी निर्मित कर, उनकी भूमि, किसान द्वारा ली जाने वाली फसल और विभिन्न जानकारियों को संबंधित संस्था से जोड़ा जाएगा।

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