मध्यप्रदेश

किसानों को राहत: आज से इन संभागों में शुरु हुई गेहूं खरीदी , 4663 केंद्रों पर 19.81 लाख किसानों ने कराया है पंजीयन

भोपाल । मध्य प्रदेश में किसानों को अब समर्थन मूल्य पर गेंहू बेचने के लिए एसएमएस का इंतजार नहीं करना होगा। सरकार ने इसके स्थान पर ज्यादा सहज और सुलभ व्यवस्था की है। दरअसल इंदौर और उज्जैन के बाद अब पूरे मध्यप्रदेश में सरकार ने सोमवार से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू कर दी है। किसानों का सत्यापन करने के बाद खरीदी केंद्रों पर उपज खरीदी जाएगी। सरकार यह खरीदी 16 मई तक करेगी। इसके लिए किसानों को पहले से आॅनलाइन स्लॉट बुक करना होंगे। भुगतान आधार लिंक से खातों में होगा।

प्रदेश में गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2 हजार 15 रुपये प्रति क्विंटल है। यहां गेहूं का उपार्जन सोमवार से प्रारंभ हो रहा है। बता दें कि इंदौर और उज्जैन समेत 15 जिलों में 28 मार्च से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हो गई थी। जबकि आज से इनर्मदापुरम, जबलपुर रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, चंबल और भोपाल संभाग शरीदी शुरू हो गई है। इसके लिए प्रदेश भर में 4 हजार 663 केंद्र बनाए गए हैं।

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए प्रदेश में 19 लाख 81 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। किसानों को पहले से आॅनलाइन स्लॉट बुक करना होंगे। बुकिंग के 3 दिन के भीतर गेहूं बेचने सेंटर पर ले जाना होगा। वे अपनी तहसील के किसी भी सेंटर पर गेहूं बेच सकेंगे। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक दीपक सक्सेना का कहना है कि प्रदेश में चार हजार 663 केंद्रों पर खरीदी का काम होगा। इस बार 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने की तैयारी की गई है। किसानों का बायोमैट्रिक सत्यापन करने की व्यवस्था की गई है, ताकि कोई भी गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।





एक लाख से ज्यादा पंजीयन और आधार नंबर में दर्ज नाम में अंतर आने पर सुधार कराया गया है। मोबाइल नंबर भी अपडेट किए हैं ताकि किसानों को एसएमएस के माध्यम से भुगतान आदि की सूचना दी जा सके। प्रदेश की कई अनाज मंडियों में पिछले एक महीने से गेहूं की आवक हो रही है। किसानों को भाव भी ठीक मिल रहे हैं। वर्तमान में मंडियों में गेहूं की कीमत 2200 रुपये क्विंटल से ज्यादा है। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रुपए तय किया है। ऐसे में किसान को बेहतर दाम मिलेंगे।

यह किए इंतजाम

  • गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ग्रेडिंग की व्यवस्था ।
  • प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर नोडल अधिकारियों की तैनाती ।
  • उपज की तौल होने पर किसान एवं उपार्जन केंद्र प्रभारी के बायोमैट्रिक सत्यापन से ही देयक जारी होंगे।
  • भंडारण के लिए 84 लाख मीट्रिक टन क्षमता की जगह रिक्त।
  • 34 लाख मीट्रिक टन गेहूं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होगा, जिससे भंडारण की और जगह मिलेगी।

सरकार की तरफ से की गई हैं तैयारियां
खरीदी केंद्र पर गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ग्रेडिंग की व्यवस्था की गई है। तौल होने पर किसान एवं उपार्जन केंद्र प्रभारी के बायोमैट्रिक सत्यापन से ही देयक जारी होंगे। प्रत्येक खरीदी केंद्र पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। उपर रखने के लिए 84 लाख मीट्रिक टन क्षमता की जगह रिक्त। 34 लाख मीट्रिक टन गेहूं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होगा, जिससे भंडारण की और जगह मिलेगी। ये भी तय किया गया है कि किसानों को परेशान न होना पड़े। प्लास्टिक के बारदाना में 50 किलो 135 ग्राम से अधिक गेहूं न तौला जाए। खरीदी केंद्रों पर बारदाना पर्याप्त रखे जाएं और परिवहन समय पर हो। किसानों का जेआईटी के माध्यम से भुगतान होगा। गर्मी को देखते हुए गोदामों में वॉटर कूलर और अन्य सेंटरों पर मटके रखे जाएं। पर्याप्त शेड हो, ताकि किसान गेहूं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां या अन्य वाहन खड़े कर सके।

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