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सपा को एक का जवाब चार से दिया भाजपा ने

लखनऊ। उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) होने वाला है। इससे पहले दल-बदल का खेल शुरू हो गया है। कुछ दिनों पहले सपा (SP) ने बसपा (BSP) के 6 और भाजपा (BJP) के 1 विधायक को अपनी पार्टी में शामिल कर बड़ा झटका दिया था। अब वहीं भाजपा ने भी बड़ा पलटवार किया है। सपा के चार एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू (Ravi Shankar Singh Pappu), नरेन्द्र भाटी (Narendra Bhati), सीपी चंद (CP Chand) और रमा निरंजन (Rama Niranjan) को भाजपा की सदस्यता (BJP membership) दिलाकर अपना पुराना हिसाब बराबर किया है। इस मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath), उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (BJP State President Swatantra Dev Singh) मौजूद थे।

सपा नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रत देव सिंह ने कहा कि राज्य में सपा के वफादार सिपाही रहे नरेन्द्र भाटी के जुड़ने से भाजपा को ताकत मिलेगी और सपा का 100 प्रतिशत सफाया होगा। उन्होंने आगे कहा कि रविशंकर सिंह के भाजपा में आने से सपा को बलिया में बड़ा झटका लगा है। सीपी चंद के आने से पार्टी का कद बढ़ेगा। रमा निरंजन के आने से बुंदेलखंड (Bundelkhand) क्षेत्र में पार्टी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि आज अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को नींद नही आएगी।

अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि वह जैसे कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान घर से बाहर न निकलकर आराम कर रहे थे वैसे ही अभी आराम करें, जनता की सेवा करने आए हैं तो जनता के लिए मेहनत तो करनी पड़ेगी। यूपी चुनाव के ठीक पहले चार MLC के यूं पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो जाने को अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर नरेन्‍द्र सिंह भाटी के पार्टी छोड़ने को लेकर पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की गुर्जर राजनीति में नए समीकरण बनने की उम्‍मीद जताई जा रही है।





गुर्जर राजनीति गरमाएगी
सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा के विवाद के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन दिनों गुर्जर राजनीति गरमाई हुई है। जिले को गुर्जर राजनीति का केन्द्र माना जाता है। क्षेत्र के प्रमुख गुर्जर नेता और यहां के पूर्व लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र नागर पहले ही सपा छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं जबकि अब नरेंद्र भाटी भी सपा का साथ छोड़ भाजपा में आ रहे हैं। नरेन्द्र भाटी 2009 में सुरेन्द्र नागर के सामने चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में तय है कि यहां पर गुर्जर राजनीति भी तेज होगी और गुर्जर नेताओं के दो धड़े होंगे।

बता दें कि सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले परिषद सदस्यों में अधिकांश सदस्य नगर निकाय क्षेत्र से एमएलसी है। भाजपा ने इन सदस्यों को विधान परिषद के आगामी नगर निकाय क्षेत्र चुनाव में उम्मीदवार बनाने की भी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। सपा के सदस्यों को भाजपा में शामिल कराने में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बड़ी भूमिका रही है। विधानसभा चुनाव से पहले इन सदस्यों के भाजपा में शामिल होने से सपा को बड़ा झटका लगेगा। वहीं, भाजपा को इन सदस्यों के प्रभाव वाले क्षेत्र में फायदा होगा।

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