मध्यप्रदेश

विदिशा: बोरबेल खुला छोड़ने पर 4 जिम्मेदारों के खिलाफ दर्ज हुआ केस, लोकेश की मौत से जुड़ा है मामला

खेरखेड़ी पाथर गांव स्थित एक खेत की मालिक नीरज अहिरवार और रामको बाई ने लापरवाही के चलते बोरवेल का गड्ढा खुला छोड़ दिया। इसी खेत में अधिया के आधार पर फसल उगाने वाले 2 मजदूर रघुवीर अहिरवार और कोलीदार रामस्वरूप ने भी खुले बोरवेल के गड्ढे के प्रति लापरवाही दिखाई।

विदिशा। विदिशा जिला मुख्यालय से करीब 105 किलोमीटर दूर लटेरी तहसील के ग्राम खेरखेड़ी पाथर में बंदर का पीछा करते वक्त समय 7 साल का लोकेश अहिरवार बीते मंगलवार को 60 फीट गहरे बोरबेल में गिर गया था। लोकेश को रेस्क्यू करने में लगी टीमों ने जब 24 घंटे बाद बोरबेल से निकाला तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताते हुए कहा था कि जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिवराज ने के निर्देश पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने खुला बोरबेल छोड़ने के अपराध में खेत मालिक समेत 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

अपर पुलिस अधीक्षक समीर यादव ने बताया कि खेरखेड़ी पाथर गांव स्थित एक खेत की मालिक नीरज अहिरवार और रामको बाई ने लापरवाही के चलते बोरवेल का गड्ढा खुला छोड़ दिया। इसी खेत में अधिया के आधार पर फसल उगाने वाले 2 मजदूर रघुवीर अहिरवार और कोलीदार रामस्वरूप ने भी खुले बोरवेल के गड्ढे के प्रति लापरवाही दिखाई। इसलिए आनंदपुर थाना पुलिस ने इन चारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए और 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।

बंदरों का पीछा करते वक्त बोरबेल में गिरा था लोकेश
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बोरवेल में गिरे लोकेश अहिरवार 7 वर्षीय को बुधवार को 24 घंटे के लंबे आॅपरेशन के बाद बाहर निकाल लिया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। बता दें कि लोकेश अहिरवार बंदरों का पीछा करते वक्त 60 फीट गहरे बोरबेल में गिर गया था। जहां वह 43 फीट पर फंस गया था। बच्चे को निकालने के लिए बुलडोजर की मदद से बोरवेल के बगल में एक और समानांतर गड्ढा खोदा गया, बुधवार को उसे वहां से निकाल लिया गया, लेकिन उसे जिंदा बचाया नहीं जा सका।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button