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महाशिवरात्रि कल: महाकाल में भक्तों को सिंहस्थ जैसी मिलेगी सुविधा, समिति ने किया यह भी बड़ा दावा

महाशिवरात्रि पर भक्त बाबा महाकाल के दर्शन सुबह चार बजे से ही कर सकेंगे। इतना ही नहीं भस्म आरती के दौरान भी भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन करने मिलेंगे। भस्मारती में भक्तों को कार्तिकेय मंडपम से प्रवेश मिलेगा। भक्त आरती के दौरान यहां चलित दर्शन कर सकेंगे।

उज्जैन। महाशिवरात्रि का पर्व कल शनिवार को उज्जैन में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि इस साल महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में मंदिर समिति और जिला प्रशासन द्वारा सिंहस्थ जैसे इंतजाम किए जा रहे हैं। भक्तों को मंदिर तक पहुंचने जहां 100 से अधिक निशुल्क बसें चलाई जाएंगी। वहीं उनको बाबा महाकाल का दर्शन करने के लिए 4 गेटों से 12 कतारों के जरिए प्रवेश दिया जाएगा। निर्गम के लिए तीन द्वार रहेंगे।

मंदिर प्रशासन ने यह भी दावा कि शिवरात्रि के दिन भक्तों को सिर्फ 50 मिनट में बाबा महाकाल के दर्शन होंगे। इसके लिए रिहर्सल भी की जाएगी। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि इस बार भीड़ नियंत्रण के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। इंदौर, देवास, बड़नगर आदि क्षेत्रों से आने वाले वाहनों के लिए शहर से दूर 14 पार्किंग सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं। यहां बसों व चौपहियां वाहनों को पार्क कराया जाएगा।

भक्त 4 बजे से ही कर सकेंगे बाबा के दर्शन
उन्होंने यह भी बताया कि महाशिवरात्रि पर भक्त बाबा महाकाल के दर्शन सुबह चार बजे से ही कर सकेंगे। इतना ही नहीं भस्म आरती के दौरान भी भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन करने मिलेंगे। भस्मारती में भक्तों को कार्तिकेय मंडपम से प्रवेश मिलेगा। भक्त आरती के दौरान यहां चलित दर्शन कर सकेंगे। इंदौर व बड़नगर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने की जानकारी देने के लिए तीन किलोमीटर दूर से साइनेज लगाए जा रहे हैं।

छह नंबर गेट से अलग-अलग कतार
मानसरोवर गेट से मंदिर में प्रवेश करने के बाद भक्त महाकाल टनल से होते हुए छह नंबर गेट से परिसर में आएंगे, यहां से अलग-अलग कतार में भक्तों को कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। इसके लिए कार्तिकेय मंडपम में वर्तमान प्रवेश द्वार के अलावा दो और द्वार का निर्माण कराया गया है। इस व्यवस्था से अकेले कार्तिकेय मंडपम के तीन गेट से नौ कतारों के जरिए भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। नंदी हॉल के रेंप से भी तीन कतारें चलाई जाएगी। इस प्रकार चार गेट से 12 कतारों में भक्त भीतर प्रवेश करेंगे।

भजनों की प्रस्तुति देने बुलाए गए कलाकार
महाकाल दर्शन करने आने वाले भक्तों में ऊर्जा का संचार होता रहे, इसके लिए चार मंगल वाद्य व भजनों की प्रस्तुति देने के लिए कलाकारों को आमंत्रित किया गया। प्रशासक के अनुसार चार धाम, त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल लोक व कर्कराज क्षेत्र में चार मंच लगाए जाएंगे, यहां कलाकार प्रस्तुति देंगे। उज्जैन के भस्म रमैया भक्त मंडल को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। मंडल के करीब 25 कलाकार झांझ डमरू की मंगल ध्वनी से वातावरण को शिवमय कर देंगे।

प्रसाद के लिए किए जा रहे विशेष इंतजाम
महाशिवरात्रि पर आने वाले दर्शनार्थी अपने साथ बाबा महाकाल का प्रसाद लेकर जा सके, इसके लिए भी मंदिर प्रशासन की तरफ से विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रसादी के लिए पार्किंग के आस-पास काउंटर लगाए जाएंगे, ताकि लोग प्रसाद खरीद सकें। प्रसाद के खत्म होते ही यहां दोबारा प्रसाद के पैकेज भेजने की व्यवस्था भी की गई है। वहीं महाशिवरात्रि पर भक्तों को बोतल बंद पानी पिलाया जाएगा। मंदिर समिति 200 एमएल की चार लाख पानी की बोतल खरीद रही है। दर्शन की कतार में लगे भक्तों को पेयजल वितरण के लिए सामाजिक कार्यकर्ता व कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाएगी।

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