उज्जैनमध्यप्रदेश

भादौ मास की दूसरी शाही सवारी: ठाट-बाट से नगर भ्रमण पर निकले महाकाल, भोलेनाथ के जयकारों से गूंजी अवंतिका नगरी

उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन में भादौ माह के दूसरे सोमवार पर बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली गई। सवारी पूरे ठाट-बाट से निकाली गई। पहले रथों का पूजन किया गया। इसके बाद सभामंडप में बाबा महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया गया। उसके बाद महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकली। इस दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर की जय-जयकार से पूरी अवंतिका नगरी गूंज उठी। साथ ही चारों ओर भगवान महाकाल की भक्ति में लीन श्रद्धालुओं की आंखें श्री महाकालेश्वर की एक झलक पाने के लिए लालायित थी। नगर भ्रमण करने के बाद रात करीब दस बजे महाकाल की सवारी पुन: मंदिर पहुंची और सवारी का समापन हुआ।

श्री महाकालेश्वर भगवान की शाही सवारी बड़े धूमधाम व उल्लास के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे नगर भ्रमण को निकली। बाबा महाकाल की शाही सवारी नगर भ्रमण के पश्चात पुन: महाकाल मंदिर पहुंची, जहां श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी गणों द्वारा बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया गया। इसके बाद इस सवारी का समापन हुआ। बाबा महाकाल की सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

हरि-हर मिलने के साक्षा बने लाखों
गौरतलब है कि वैसे तो पूरी शाही सवारी अद्भुत और आलोकित रहती है लेकिन हरि के द्वार जैसे ही बाबा महाकाल यानी हर पहुंचते हैं तो यहां हरि और हर के मिलन का जो अद्भुत संयोग बनता है उसे कोई भुला नहीं सकता है। आज भी लाखों श्रद्धालु हरि-हर मिलन के साक्षी बने बाबा महाकाल की शाही सवारी जैसे ही गोपाल मंदिर पहुंची वैसे ही गोपाल मंदिर के पुजारी बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करने पहुंचे जहां उन्होंने बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन कर महाआरती की। इस दौरान एक ऐसा दृश्य दिखाई दे रहा था कि जिसने भी इसे देखा वह भावविभोर हो गया, क्योंकि पूरा गोपाल मंदिर क्षेत्र जय शिव ओंकारा की गूंज से गुंजायमान हो रहा था और लाखों श्रद्धालु इस दृश्य के साक्षी बने थे।

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