जयस दो फाड़: नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मुजालदा बोले- तीसरे मोर्चे के साथ 120 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
मुजालदा ने कहा कि इससे मध्य प्रदेश की राजनीति में बढ़ा बदलाव और नया परिवर्तन देखने को मिलेगा। उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि वह जयस की विचाराधारा से विपरीत विचाराधा की पार्टी के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगी।
भोपाल। मध्यप्रदेश इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में सभी दल और संगठन चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं। भाजपा-कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस आदिवासी मतदाताओं पर है। इतना ही नहीं, इनको अपने पाले में लाने हर जतन भी कर रही हैं। इस बीच जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल जयस के दो फाड़ हो गए हैं। मंगलवार की देर रात हुई राष्ट्रीय कार्यकारिण की बैठक के जयस में दो फाड़ हुआ है। एक लोकेश मुजालदा का हो गया है, तो वहीं दूसरे गुट में डॉ. हीरालाल अलावा रहेंगे।
भोपाल में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के एक गुट ने डॉ. हीरालाल अलावा को साइड कर लोकेश मुजालदा को जयस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त दिया है। वहीं, जयस संगठन के दूसरे गुट के संरक्षक विधायक डॉ. हीरालाल अलावा है। जयस के राष्ट्रीय प्रभारी लोकेश मुजालदा ने कहा कि जयस चुनाव लड़ने वाले आदिवासी नेताओं को तीसरा विकल्प उपलब्ध कराएगी। चुनाव में बिना हिस्सा लिए अपने नेताओं की मदद करेंगे। ना कांग्रेस के साथ जाएंगे, ना बीजेपी के साथ जाएंगे, बल्कि तीसरा विकल्प प्रदान करेंगे। मुजालदा ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि जयस तीसरे मोर्च के साथ 120 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसमें 47 अनुसूचित जनजाति, 35 अनुसूचित जाति और बाकी आदिवासी वोटरों का प्रभाव रखने वाली सीटें हैं।
मप्र की रणनीति में देखने को मिलेगा बड़ा बदलाव
मुजालदा ने कहा कि इससे मध्य प्रदेश की राजनीति में बढ़ा बदलाव और नया परिवर्तन देखने को मिलेगा। उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि वह जयस की विचाराधारा से विपरीत विचाराधा की पार्टी के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगी। हीरालाल अलावा पर उन्होंने कहा कि जयस का नियम है कि जो जयस नेता किसी पार्टी से चुनाव लड़ता है, उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती है। वो कांग्रेस के हो गए हैं और कांग्रेस नेताओं के साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं।
कुछ भी नहीं बोले अलावा
वहीं मुजालदा ने अलावा अब जयस के पदाधिकारी नहीं है। इसके अलावा लोकेश मुजादला ने डॉ. आनंद राय को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि वह जयस की विचाराधारा से प्रभावित है। इसलिए जयस के आंदोलन का समर्थन करते हैं। वह किसी पद पर नहीं है। इस मामले में डॉ. हीरालाल अलावा से उनका पक्ष जानने संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कोई भी कमेंट करने से मना कर दिया। जयस की कार्यकारिणी की बैठक में मुजालदा ने बताया कि जयस के 17 संस्थापक सदस्यों में से 15 शामिल हुए।